भारत में बैंगन की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है और बाजार में भी इसकी मांग साल भर रहती है. ऐसे में बैंगन की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित होती है. लेकिन बैंगन की खेती से पहले जरूरी होता है बैंगन की सही किस्म का चुनाव करें. ताकि उपज भी अच्छी हो और किसानों को भी इसकी खेती से फायदा मिल सके. जिससे किसानों की आय में भी बढ़त हो सके. बैंगन की ऐसी ही एक किस्म की आज हम बात करने वाले हैं जिसका नाम है ब्रिंजल काशी मोदक.
क्या है ब्रिंजल काशी मोदक
ब्रिंजल काशी मोदक बैंगन की एक किस्म है जिसका विकास भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान , वाराणसी में किया गया था. आकार में यह बैंगन छोटा और गोल होता है. इसके आकार के ही कारण इसे मोदक का नाम दिया गया है. इसके फलों का रंग गहरा बैंगनी होता है. साथ ही इसके एक फल का वजन औसतन 75 ग्राम तक हो सकता है. बात करें इसकी उपज की तो यह बैंगन की अच्छी उपज देने वाली किस्म है जिसकी खेती मुख्य तौर पर छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में की जाती है.

Brinjal Kashi Modak
डायबिटीज और एनीमिया के लिए फायदेमंद
बैंगन की किस्म काशी मोदक पोषक तत्वों से भरपूर है. इसको खाने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इसके साथ ही काशी मोदक में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं जो शरीर को नुकसान होने से बचाते हैं. ऐसा माना जाता है कि डायबिटीज और एनीमिया के मरीजों के लिए भी यह काफी फायदेमंद होता है. बैंगन में फाइबर और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है जिससे ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है.
ऐसे करें बैंगन की खेती
काशी मोदक बैंगन की खेती भारत में बड़े पैमाने पर की जाती है. इसकी खेती के लिए बलुई मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है. इसकी खेती के लिए बीज कुछ बातें ध्यान रखनी चाहिए. जैसै बीज बुवाई के समय मिट्टी को पर्याप्त मात्रा में ऑर्गेनिक खाद को इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. फसल से अच्छी उपज हो सके इसके लिए जरूरी है कि बैंगन के पौधों को उचित दूरी पर लगाया जाए. काशी मोदक की प्रति हेक्टेयर फसल से 250 से 260 क्विंटल तक उपज होती है.