भारतीय किसान एकता (BKE) के तहत किसानों ने हरियाणा के सिरसा में प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने डीएपी और यूरिया जैसे उर्वरकों के ब्लैक मार्केटिंग और उनसे जुड़े अनचाहे उत्पादों के साथ जबरदस्ती पैकेजिंग का आरोप लगाया. BKE के राज्य अध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने कृषि उप निदेशक को शिकायत दी और तुरंत हस्तक्षेप की मांग की.
औलख ने आरोप लगाया कि IFFCO से सहकारी केंद्रों को जो उर्वरक दिया जा रहा है, उसे केवल इस शर्त पर बेचा जा रहा है कि किसान चाय पैकेट, नैनो यूरिया, नैनो डीएपी और ‘सगरिका’ नाम के गैर-जरूरी सामान भी खरीदें. उन्होंने कहा कि यह सामान किसानों पर बिना उनकी मर्जी के थोपे जा रहे हैं. अधिकारी खुलेआम किसानों का शोषण कर रहे हैं. इस दौरान औलख ने कृषि विभाग पर भ्रष्टाचार के कारण आंख बंद करने का आरोप लगाया.
सिरसा केंद्र पर एक ट्रक आया था
सगरिका की सप्लाई चेन को लेकर चिंता जताते हुए औलख ने कहा कि IFFCO के सिरसा केंद्र पर एक ट्रक आया था, जिसमें 40,000 किलो से ज्यादा सगरिका का माल था. उन्होंने कहा कि ट्रक के नंबर प्लेट में गड़बड़ी थी. उन्होंने कहा कि इलाके में “सगरिका” की बिक्री तुरंत बंद करने और उर्वरक वितरण केंद्रों पर ब्लैक मार्केटिंग और जबरन पैकेजिंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.
मंडी-वार जांच का आदेश दिया गया है
डॉ. सुखदेव कांबोज, उप कृषि निदेशक, सिरसा ने शिकायत मिलने की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि मंडी-वार जांच का आदेश दिया गया है और किसी भी उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि हमने सहकारी समितियों के सहायक रजिस्ट्रार से भी उत्पाद टैगिंग से जुड़ी समस्याओं की जांच कराने को कहा है. वहीं, सगरिका मामले में डॉ. कांबोज ने कहा कि इस जांच के लिए एक समिति बनाई गई है और इसके रिपोर्ट के आधार पर उचित कदम उठाए जाएंगे.
डीएपी और यूरिया जैसे जरूरी उर्वरकों की कमी
सिरसा से सांसद कुमारी सेलजा ने हरियाणा के किसानों को डीएपी और यूरिया जैसे जरूरी उर्वरकों की कमी से हो रही मुश्किलों पर चिंता जताई है. उन्होंने सरकार से कहा है कि वह फसल बोने के लिए इन जरूरी सामग्री की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करे. खासकर सिरसा, फतेहाबाद और कैथल जिलों में यह कमी किसानों के लिए बड़ी चुनौती बन रही है, जहां बारिश के बाद अच्छी फसल लगाने के मौके होने के बावजूद किसान पौधारोपण नहीं कर पा रहे हैं.