Milk production: गांवों में आज भी पशुपालन किसानों की आमदनी का सबसे बड़ा और भरोसेमंद जरिया है. दूध, गोबर और खेती में मदद-पशुपालन किसानों को कई तरीकों से फायदा देता है. लेकिन जब बात दूध उत्पादन की आती है, तो कई बार मौसम बदलने या पोषण की कमी की वजह से गाय-भैंस दूध देना कम कर देती हैं. इससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है. कुछ लोग दूध बढ़ाने के लिए इंजेक्शन का सहारा लेते हैं, जिससे पशुओं की सेहत पर बुरा असर पड़ता है. लेकिन एक आसान, सस्ता और घरेलू उपाय है- लहसुन, जो गाय-भैंस का दूध बढ़ाने में बेहद असरदार साबित होता है.
लहसुन क्यों है फायदेमंद?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लहसुन में पाए जाते हैं कई औषधीय गुण जैसे कि जीवाणुनाशक, कीटाणुनाशक और रोगाणुनाशक. ये न केवल पशुओं को बीमारियों से बचाते हैं, बल्कि उनके पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाते हैं. जब लहसुन को चारे में मिलाकर दिया जाता है, तो इससे पशु की भूख बढ़ती है और वह ज्यादा खाता है. अधिक पोषण मिलने से शरीर में ताकत आती है और दूध का उत्पादन भी बेहतर होता है.
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कैसे खिलाएं लहसुन?
गाय या भैंस के ब्याने (डिलीवरी) के 4-5 दिन बाद रोजाना थोड़ी मात्रा में लहसुन को पीसकर या कूटकर उसके चारे में मिला दें. आप इसे दलिया या गुड़ के साथ भी मिलाकर दे सकते हैं, जिससे इसका स्वाद भी बेहतर हो जाएगा और पशु आसानी से खा लेंगे. इसे 10–15 दिन तक लगातार देने से अच्छा असर देखने को मिलता है.
लहसुन के फायदे एक नजर में
लहसुन पशुओं के लिए एक प्रभावी प्राकृतिक पूरक है, जो कई तरह से फायदेमंद होता है. इसे खिलाने से पशुओं की भूख बढ़ती है, जिससे वे ज्यादा खाकर ताकतवर बनते हैं. लहसुन पाचन तंत्र को सुधारता है, जिससे गैस, अपच जैसी समस्याएं कम होती हैं. इसमें मौजूद रोगाणुनाशक गुण खुरपका-मुंहपका जैसी बीमारियों से भी बचाव करते हैं. नियमित सेवन से दूध देने की क्षमता में भी स्पष्ट वृद्धि देखी जाती है. खास बात यह है कि रिसर्च के अनुसार, लहसुन के सेवन से पशुओं के पेट में मीथेन गैस कम बनती है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में मदद मिलती है.
कुछ और घरेलू उपाय जो जरूर अपनाएं
दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए लहसुन के अलावा कई देसी उपाय बेहद फायदेमंद साबित होते हैं. गाय-भैंस के ब्याने के बाद 3 दिनों तक गेहूं का दलिया और गुड़ मिलाकर देना चाहिए, जिससे ऊर्जा मिलती है. इसके अलावा मेथी, अजवाइन और जीरा का मिश्रण चारे में मिलाकर देने से पाचन बेहतर होता है और भूख बढ़ती है. कच्चा नारियल भी ऊर्जा से भरपूर होता है, जिससे दूध की मात्रा में वृद्धि होती है. लोबिया घास को लंबे समय तक खिलाने से न सिर्फ दूध की क्वालिटी सुधरती है, बल्कि मात्रा में भी अच्छा खासा इजाफा होता है. आजकल बाजार में कई तरह के हॉर्मोन इंजेक्शन मिलते हैं जो दूध बढ़ाने का दावा करते हैं, लेकिन ये पशु की सेहत के लिए खतरनाक हो सकते हैं. इससे दूध की क्वालिटी खराब होती है और लंबे समय में पशु बीमार भी हो सकते हैं. इसलिए देसी और नेचुरल तरीके ही अपनाएं, जो न केवल सेहतमंद हैं, बल्कि सस्ते भी हैं.
पशुपालकों के लिए जरूरी सुझाव
पशुओं की सेहत और दूध उत्पादन को बेहतर बनाए रखने के लिए उन्हें समय पर पौष्टिक आहार देना बेहद जरूरी है. संतुलित आहार से पशु ताकतवर बनते हैं और अधिक दूध देते हैं. साथ ही, पशुशाला की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें ताकि वे किसी भी संक्रमण या बीमारी से बचे रहें. लहसुन जैसे घरेलू उपायों को नियमित रूप से चारे में शामिल करें, जिससे पाचन और भूख दोनों में सुधार हो. इसके अलावा, पशु के स्वास्थ्य की समय-समय पर जांच कराते रहें ताकि किसी भी बीमारी का समय रहते पता लग सके और इलाज किया जा सके.