बड़े-बड़े शहरों में रहने वाले लोगों में से भी कुछ लोगों को बागवानी या किचन गार्डनिंग का शौक होता है. अपने शौक को पूरा करने के लिए वे अपने घर में ही तरह-तरह के पौधे उगाते हैं और खाने में घर की ही उगाई गईं ताजी पत्तियों का इस्तेमाल करते हैं. इस तरह से उनके खाने का स्वाद तो बढ़ता ही है साथ ही ताजी और बिना किसी मिलामट वाली हरी सब्जियां मिलती हैं. अगर आप भी किचन गार्डनिंग का शौक रखते हैं और घर की ताजी सब्जियों का आनंद लेना चाहते हैं तो एक पौधा है जिसे आप आसानी से अपने घर में उगा कर किचन गार्डन की शोभा बढ़ा सकते हैं. साथ ही इसकी पत्तियों के सेवन से कई तरह की बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है. हम बात कर रहे हैं मरुआ के पौधे की जिसे अंग्रेजी में Marjoram कहा जाता है. इस पौधे की खासियत है कि ये पेट संबंधी समस्याओं से लड़ने में मदद करता है.
पाचन तंत्र सुधारने का काम करता है मरुआ
मरुआ का पौधा न केवल एक सुगंधित पौधा है, बल्कि इसके पत्ते कई बीमारियों में घरेलू इलाज के रूप में काम आते हैं. यही कारण है कि लोग इसे अपने किचन गार्डन में लगाना पसंद करते हैं. मरुआ का पौधा लगाने का सबसे बड़ा फायदा है कि इसकी पत्तियां जल्दी ही इस्तेमाल के लिए मिल जाती हैं. इस कारण से इसको किचन गार्डन में लगाना किसी दवा से कम नहीं है. मरुआ की पत्तियां खास तौर पर पेट संबंधी समस्याओं से आराम दिलाने में मदद करती हैं. इसकी पत्तियों से बनी चटनी के सेवन से न केवल अपच की समस्या दूर होती है बल्कि भूख भी बढ़ती है. अगर आप नियमित रूप से इसका सेवन करते हैं तो आपके शरीर का पाचन तंत्र सुधरता है और बेहतर तरीके से काम करता है.
माइग्रेन जैसी समस्या से मिलता है आराम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मरुआ के पत्तियों के फायदे केवल पेट की समस्याओं में आराम देने तक ही सीमित नहीं है बल्कि सिरदर्द और माइग्रेन के मरीजों के लिए भी मरुआ का पौधा बहुत फायदेमंद है. इसकी पत्तियों का रस निकालकर पीने से या फिर पत्तियों के लेप को माथे पर लगाने से प्राकृतिक रूप से सिरदर्द में आराम मिलता है. इसके साथ ही सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं को दूर करने में भी ये बेहद ही कारगर साबित होता है. अपने इन्हीं औषधीय गुणों के कारण मरुआ का पौधा किचन गार्डन के लिए बेस्ट है.
किचन गार्डन में ऐसे लगाएं पौधा
अपने किचन गार्डन में मरुआ का पौधा लगाने के लिए आपको सबसे पहले गमले का चुनाव करना होगा. इसके बाद गमले में उपजाऊ मिट्टी डालकर उसमें थोड़ी खाद जरूर मिलाएं. इसके बाद मरुआ के बीज या कटिंग को मिट्टी में डालकर हल्का पानी दें. बता दें कि, मरुआ का पौधा 7 से 10 दिनों में अंकुरित हो जाता है. आपको ध्यान रखना होगा कि इसको बढ़ने के लिए सीधी धूप की जरूरत होती है लेकिन अगर गर्मी बहुत ज्यादा है तो पौधे को हल्की छांव भी दें. पौधे को नियमित रूप से पानी दें लेकिन इसकी जड़ों में पानी न जमने दें.
 
 
                                                             
                                 
                             
                             
                             
                             
 
 
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                    