Fake Seeds and Fertilizers: बाजार में मिलने वाले नकली खाद और बीजों के कारण देशभर में किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. असली-नकली की पहचान न हो पाने के कारण खेतों में किसानों की लहलहाती हुई फसलें चौपट हो रही हैं. ऐसे में किसानों की सहूलियत के लिए भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य किसानों को नकली बीज, खाद और कीटनाशक बेचने वालों से बचाव के प्रति जागरूक करना है. कृषि मंत्रालय ने किसानों को नकली बीज और खाद से सतर्क रहने की सलाह दी है.
किसानों के लिए बड़ा खतरा
आज के समय में बाजार में कई असली जैसे दिखने वाले नकली खाद और बीज उपलब्ध हैं और इन्हीं नकली बीज या कीटनाशकों का इस्तेमाल करने से फसल खराब हो जाती है, उत्पादन घट जाता है और किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है. यहां तक कि खेतों में इस्तेमाल किए जाने वाले इन नकली केमिकल कीटनाशक मिट्टी की उर्वरता को भी कम करते हैं. ऐसे में किसानों को यही सलाह दी गई है कि वे केवल प्रमाणित विक्रेताओं या सरकारी मान्यता प्राप्त एजेंसियों से ही बीज और खाद खरीदें.
कृषि मंत्रालय ने जारी किया टोल फ्री नंबर
भारतीय कृषि मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए किसानों से अपील की है कि अगर कोई व्यक्ति नकली बीज, खाद या कीटनाशक बेचने की कोशिश करता है, तो उसकी सूचना तुरंत दें. इसके लिए मंत्रालय ने एक टोल-फ्री किसान कॉल सेंटर (Kisan Call Center) नंबर जारी किया है – 1800-180-1551. बता दें कि, यहा कॉल सेंटर 6 बजे से रात 10 बजे तक सक्रिय रहता है. किसान अपनी शिकायत या जानकारी सीधे यहां दर्ज कर सकते हैं.
असली-नकली की पहचान
किसानों को मंत्रालय की ओर से ये सलाह दी गई है कि किसान खाद-बीज खरीदते समय उत्पाद की पैकेजिंग, बैच नंबर, निर्माण तिथि और सरकारी सील को ध्यान से जरूर देखें. अगर किसी उत्पाद की कीमत असामान्य रूप से कम है या लेबल पर जरूरी जानकारी नहीं दी गई है, तो ऐसे उत्पाद को खरीदने से बचें. इसके अलावा किसान इस बात का भी खास खयाल रखें कि जिस दुकान से किसान खाद-बीज को खरीद रहे हैं वहां की रसीद हमेशा संभालकर रखें ताकि जरूरत पड़ने पर प्रमाण के तौर पर रसीद दिखाई जा सके.