सहकार की शक्ति से समृद्ध हो रहे किसान, कृषि क्षेत्र के विस्तार के साथ महिलाओं की भी बढ़ रही भागीदारी

देश के सहकारिता मंत्रालय का उद्देश्य देशभर के किसानों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में सहकारी समितियों से जोड़ना है ताकि कृषि क्षेत्र में विस्तार के साथ-साथ किसानों का भी विकास हो सके. खास बात ये है कि इन समितियों की मदद से कृषि क्षेत्र में ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ी है.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 17 Oct, 2025 | 06:01 PM

Sahkar Ki Shakti: देश के कृषि क्षेत्र के विस्तार और किसानों के विकास के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत रहती है. भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ किसान और कृषि क्षेत्र ही हैं. आज बदलते समय के साथ खेती-किसानी के मायने बदल रहे हैं. किसान अब पारंपरिक खेती को छोड़ आधुनिक खेती की तरफ अपना रुख कर रहे हैं और ऐसा करने में उन्हें सरकार से भी मदद मिल रही है. किसानों और कृषि क्षेत्र में आने वाले इस बदलाव में सहकारी समितियों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. सहकारी समितियों की मदद से न केवल किसानों को खेती के लिए जरूरी साधन उपलब्ध कराए जाते हैं बल्कि ये भी सुनिश्चित किया जाता है कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले और बाजार तक पहुंच भी हो सके.

सहकार से किसानों को कैसे मिलेगा लाभ

सहकारी संस्थाएं या समितियां जिन्हें पैक्स (PACS)कहा जाता है, वे आज के समय में छोटे औकर सीमांत किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं. इन समितियों से जुड़कर किसान आसानी से बीज, उर्वरक, कीटनाशक और कृषि उपकरण प्राप्त कर सकते हैं. इसके साथ ही इनकी मदद से किसानों को फसल के लिए सस्ती दरों पर लोन भी उपलब्ध हो जाता है. इसके अलावा ये सहकारी समितियां गांवों में किसान उत्पादक संगठन (FPOs) का भी गठन करती हैं जो कि किसानों को संगठित कर बाजार में बेहतर भाव दिलाने में मदद करते हैं. इस तरह किसानों को बिचौलियों के बीच नहीं फंसना पड़ता है और वे सीधे मंडी से खुद व्यापार कर सकते हैं.

कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी

राष्ट्रीय विकास सहकारी निगम (National Cooperative Development Corporation), की ओर से सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के अनुसार, देश के कृषि क्षेत्र में अब केवल पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं और अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर रही हैं. बता दें कि, आज की ग्रामीम महिलाएं डेयरी, बागवानी, फूलों की खेती, मशरूम उत्पादन और सब्जी उगाने जैसे क्षेत्रों में बड़ी संख्या में जुड़ रही हैं. सहकारी समितियों ने महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं और स्वयं सहायता समूह (SHGs) तैयार किए हैं, ताकि ये महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त और मजबूत हो सकें.

कृषि क्षेत्र का हो रहा विस्तार

सहकार से समृद्धि के सपने को साकार करते हुए देश का सहकारिता मंत्रालय और सहकारी संस्थाएं मिलकर किसानों को आधुनिक तकनीक, ड्रिप सिंचाई, सोलर पंप, ऑर्गेनिक खेती और प्रोसेसिंग जैसी सुविधाएं आसानी से उपलब्ध करी रही हैं. इस तरह किसानों की उत्पादन में आने वाली लागत में कमी आ रही है और लाभ दोगुना हो रहा है.

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