Urea shortage: तेलंगाना में यूरिया की भारी किल्लत हो गई है. इससे कपास और धान की खेती पर असर पर रहा है. किसान खाद के अभाव में फसलों की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं. वहीं, यूरिया संकट के चलते राज्य में कई जगहों पर इसके दाम भी बढ़ गए हैं. अब किसानों को 45 किलो की एक यूरिया की बोरी 300 से 325 रुपये में मिल रही है, जबकि इसका सब्सिडी रेट 266.50 से 268 रुपये तय है. इससे खेती पर खर्च बढ़ गया है. जबकि, तेलंगाना खाद की खपत के मामले में देश में पांचवें नंबर पर है. किसान प्रति एकड़ औसतन 173 किलो उर्वरक का इस्तेमाल करते हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, खाद कमी की मुख्य वजह केंद्र सरकार द्वारा समय पर और पर्याप्त मात्रा में यूरिया आवंटित नहीं किया जाना है. आलम यह है कि आदिलाबाद जिले के तालामडुगु मंडल के कई गांवों में किसान आधार कार्ड लेकर यूरिया लेने के लिए खाद वितरण केंद्रों पर पहुंच रहे हैं. इसके लिए उन्हें लंबी लाइन में अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं, खबर ये भी है कि पर्याप्त आपूर्ति न मिलने के कारण कई किसानों ने विरोध प्रदर्शन भी शुरू कर दिए हैं. यह समस्या सिर्फ एक जिले तक सीमित नहीं है, बकि कई जिलों यही स्थिति है.
1.94 लाख मीट्रिक टन की कमी
खास कर धान उत्पादन वाले नलगोंडा, मिर्यालगुड़ा, सूर्यापेट, कामारेड्डी, निजामाबाद और खम्मम जिले में स्थिति कुछ ज्यादा ही गंभीर है, क्योंकि धान की रोपाई का काम तेजी से हो रहा है. ऐसे में यूरिया की मांग बढ़ रही है. हालांकि, केंद्र सरकार ने अप्रैल से जून 2025 के बीच तेलंगाना को 5 लाख मीट्रिक टन यूरिया देने का वादा किया था, लेकिन अब तक केवल 3.06 लाख मीट्रिक टन की आपूर्ति की गई, जिससे 1.94 लाख मीट्रिक टन की कमी रह गई है.
सरकार से तुरंत दखल देने की मांग
केंद्र सरकार ने जुलाई के लिए 1.60 लाख मीट्रिक टन यूरिया देने का वादा किया है, जिसमें से 60 फीसदी यूरिया आयातित है. लेकिन अब तक उसके ट्रांसपोर्ट के लिए कोई जहाज तय नहीं हुआ है. इससे सप्लाई में और देरी होने की आशंका है. यूरिया की मांग और आपूर्ति में बढ़ते अंतर और लॉजिस्टिक दिक्कतों की वजह से खरीफ सीजन की सफलता पर खतरा बन गया है. ऐसे में राज्य सरकार से तुरंत दखल देने की मांग उठ रही है.
केंद्रीय मंत्रियों को लिखा पत्र
तेलंगाना के कृषि मंत्री तुम्मला नागेश्वर राव ने इस संकट को लेकर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, जी किशन रेड्डी और बंडी संजय कुमार को पत्र लिखा है और तुरंत कार्रवाई की मांग की है. अपने पत्र में उन्होंने जुलाई के लिए तय 0.97 लाख मीट्रिक टन आयातित यूरिया के परिवहन के लिए तुंरत जहाज देने करने का अनुरोध किया है.