गांव-देहात में जब मक्का की फसल खेतों से कटकर आती है, तो असली मेहनत वहीं से शुरू होती है. खेत से घर तक मक्के का सफर सिर्फ कटाई तक सीमित नहीं होता, बल्कि उसे सही तरीके से सुखाना और भंडारण करना सबसे अहम हिस्सा होता है. अगर मक्का को सही तरीके से नहीं सुखाया गया तो नमी के कारण इसमें फफूंदी, कीड़े और खराबी आ सकती है. ऐसे में किसानों के लिए मक्का की सुखाई की सही जानकारी होना बहुत जरूरी है.
मक्का सुखाना क्यों है जरूरी?
एग्री न्यूज के मुताबिक, मक्का के दानों में अगर अधिक नमी रह जाए, तो वे जल्दी सड़ने लगते हैं. इससे फसल की पूरी गुणवत्ता खत्म हो जाती है और नुकसान उठाना पड़ता है. साथ ही, नमी भरे मक्का में कीट जल्दी लग जाते हैं, और उसका भंडारण भी मुश्किल हो जाता है. इसलिए मक्का की कटाई के बाद उसका सूखना जरूरी होता है ताकि उसे सालभर सुरक्षित रखा जा सके.
कौन-सा तरीका है बेहतर?
प्राकृतिक सुखाई: गांवों में आमतौर पर किसान कटाई के बाद मक्का को खेत में या अपने घर के आंगन में कुछ दिनों तक धूप में सुखाते हैं. इसे भुट्टों समेत टांग दिया जाता है या चटाई पर फैला दिया जाता है. यह तरीका सस्ता है, लेकिन बारिश या उमस वाले मौसम में जोखिम भरा हो सकता है.
मशीन से सुखाई (मैकेनिकल ड्रायर): जहां मौसम साथ न दे, वहां किसान मशीनों की मदद से मक्का सुखाते हैं. इससे कम समय में एकसमान नमी कम की जा सकती है, लेकिन इसकी लागत अधिक होती है. बड़े किसान या कोल्ड स्टोरेज वाले इस तकनीक का उपयोग करते हैं.
नमी कितनी होनी चाहिए?
मक्का को भंडारण के लिए 13 से 15 फीसदी तक नमी पर सुखाना जरूरी होता है. अगर इससे ज्यादा नमी रहती है तो भंडारण के दौरान फसल में फफूंदी लगने का खतरा बना रहता है. आजकल बाजार में सस्ते मॉइस्चर मीटर भी मिलते हैं, जिससे किसान खुद नमी की जांच कर सकते हैं.
मक्का को सुखाने के बाद कैसे करें भंडारण?
जब मक्का अच्छे से सूख जाए, तब उसे बोरे या ड्रम में भरकर ठंडी और सूखी जगह पर रखें. कोशिश करें कि जगह पर सीलन न हो. अगर आप भुट्टों को दानों में बदलकर रखते हैं तो उन्हें भी पहले धूप में सुखा लें.
ध्यान रखें ये खास बातें
- अगर मक्का की फसल बारिश में भीग गई है, तो तुरंत सुखाने की व्यवस्था करें.
- धूप में सुखाते समय दिन में एक-दो बार पलटना न भूलें, ताकि हर हिस्सा बराबर सूखे.
- भंडारण से पहले दानों को आखिरी बार छांव में ठंडा करें.