मोटे अनाज की खेती पर मिलेगी 80 फीसदी सब्सिडी, किसानों को होगा मुनाफा

फसलों की बुआई करने पर किसानों को प्रोत्साहित और बढ़ावा देने के लिए रु 1500 से रु 4000 प्रति हेक्टेयर की सहायती दी जाएगी.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 19 Apr, 2025 | 12:24 PM

देश के किसानों की आय बढ़ाने और खेती को टिकाऊ बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार योजनाएं बना रही हैं. खासकर जब बात होती है पहाड़ी इलाकों के किसानों की, तो उन्हें खेती से जोड़े रखने के लिए विशेष सहायता जरूरी हो जाती है. ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने राज्य के किसानों के लिए एक राहत भरी घोषणा की है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने “मोटे अनाज नीति” को मंजूरी दी है, जिसके तहत अब झंगोरा, मडुवा, कोदा, चौलाई जैसे मोटे अनाज उगाने पर किसानों को सब्सिडी दी जाएगी. यह पहल न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाएगी, बल्कि पारंपरिक और पोषणयुक्त खेती को भी बढ़ावा देगी. आइए जानते हैं, इस नीति के तहत किसानों को क्या-क्या लाभ मिलेगा और कैसे लें इसका फायदा.

कितनी सब्सिडी देगी सरकार

उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में मोटे अनाज नीति पर मुहर लगाई जा चुकी है. इस नीति के तहत राज्य के किसानों को मोटे अनाज के बीज और जैव उर्वरक, जैव कीटनाशक, जिंक और अच्छे उत्पादन के लिए जरूरी पोषक तत्वों की खरीद पर 80 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी. यानी अगर कोई किसान मोटे अनाज की खेती करता है और उसकी कुल लागत 100000 रुपये आती है, जिसका 80 फीसदी, यानी 80000 रुपये सरकार देगी . बाकी बचा हुआ 20000 रुपये किसान को अपने पास से देना होगा. इस तरह से मोटे अनाज की खेती करने पर किसान को आने वाली लागत में भी कमी आएगी.

किसानों को मिलने वाले फायदे

उत्तराखंड सरकार के इस फैसले से राज्य के किसानों को काफी फायदा होगा. योजना के अंतर्गत फसलों की बुआई करने पर किसानों को प्रोत्साहित और बढ़ावा देने के लिए रु 1500 से रु 4000 प्रति हेक्टेयर की सहायती दी जाएगी. साथ ही हर ब्लॉक से दो उत्कृष्ट किसान या समूह को रु 10000 का वार्षिक पुरस्कार दिया जाएगा. राज्य सरकार की इस योजना से प्रदेश में मोटे अनाज जैसे मुंडवा, झंगोरा, कोदो की खेती को बढ़ावा मिलेगा साथ ही किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी.

दो चरणों में होगी अनाज की खेती

बता दें कि पहले चरण में यानी साल 2025-26 से 2027-28 तक राज्य के चुने गए 24 विकास खंडों में 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल और दूसरे चरण में साल 2028-29 से 2030-32 तक 44 विकासखंडों में 40 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में मोटे अनाज की खेती की जाएगी. उत्तराखंड सरकार का यह फैसले राज्य के किसानों के हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है. इस फैसले से निश्चित तौर पर राज्य के किसानों को आर्थिक तौर पर फायदा होगा.

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