बंजर जमीन और जलभराव क्षेत्र का होगा निपटारा, खर्च होंगे 10281 लाख रुपये

उत्तर प्रदेश के किसानों के सर्वांगीण विकास के लिए पंडित दीन दयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने 10281 लाख रुपये की मंजूरी दे दी है.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 19 Apr, 2025 | 11:23 AM

उत्तर प्रदेश के किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और खेती को लाभकारी बनाने की दिशा में योगी सरकार ने एक और अहम फैसला लिया है. वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना के तहत ₹10281 लाख रुपये की मंजूरी दे दी है. इस फंड से किसानों को उन्नत कृषि उपकरण, गुणवत्तापूर्ण बीज, प्राकृतिक एवं रासायनिक खाद, और अन्य जरूरी सहायता प्रदान की जाएगी.

यह योजना प्रदेश में टिकाऊ खेती और आत्मनिर्भर किसान तैयार करने की दिशा में एक मजबूत कड़ी बन रही है. तो आइए जानते हैं, क्या है ये योजना और कैसे बदल रही है किसानों की तकदीर.

पं. दीन दयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना

उत्तर प्रदेश में पंडित दीन दयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना पर योगी सरकार ने साल 2022 में मुहर लगाई थी. इस योजना के अंतगर्गत यूपी के 74 जिलों की बीहड़ बंजर वे जलभराव भूमि क्षेत्र का उपचार करने का लक्ष्य रखा गया था. इसके लिए 602.68 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. बता दें , इस योजना के तहत किसानों की आय में बढ़त और उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने का काम किया जाता है.

योजना का मुख्य उद्देश्य

पं. दीन दयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना को शुरू करने के पीछे मुख्य उद्देश्य राज्य में कृषि क्षेत्र को बेहतर बनाना है. इस योजना के जरिए किसानों को उन्नत किस्म की तकनीक और संसाधनों के बारे में किसानों को जानकारी दी जाती है. जिसका इस्तेमाल अपने खेतों में कर किसान उपनी आय बढ़ा सकते हैं. इसके साथ ही इस योजना के तहत किसानों को खेती के लिए आसानी ने लोन भी मुहैया कराया जाता है. योजना के तहत दी जाने वाली सहूलियतों की मदद से देश के किसान सशक्त बन रहे हैं और आगे बढ़ रहे हैं.

किसानों को ऐसे होता है फायदा

किसान समृद्धि योजना के तहत किसानों को विभिन्न तकनीकी उपकरण जैसे ट्रैक्टर, हार्वेस्टर , थ्रेसर आदि की खरीद पर सब्सिडी मुहैया कराई जाती है. किसानों को खेती करने के आधुनिक तरीकों के बारे में ट्रेनिंग दी जाती है. अपनी फसलों के अच्छे उत्पादन के लिए जरूरी और उच्च गुणवत्ता वाले बीज और उर्वरक उपलब्ध कराए जाते हैं. किसानो अपनी फसलों को बर्बाद होने से बचा सके इसलिए इस योजना के तहत किसानों को पहले से ही मौसम की भविष्यवाणी, फसलों का पैटर्न और बाजार की जानकारी दी जाती है. इसके साथ ही किसानों को संगठित कर उन्हें कृषि संबंधी विभिन्न गतिविधियों में शामिल किया जाता है.

 

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