Nepal violence: नेपाल में चल रहे आंतरिक विद्रोह और बगावत का असर भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों के व्यापार पर दिखने लगा है. इससे कारोबार को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. खास कर उत्तराखंड के कुमाऊं इलाके में नेपाल में चल रहे आंतरिक विद्रोह के चलेत कारोबार लड़खड़ाने लगा है. ऐसे में दुकानदारों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. मार्केट में ग्राहकों की भीड़ न के बराबार है. इसके चलते कारोबार में 90 फीसदी तक गिरावट आई है.
दरअसल, भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता है. नेपाली नागरिक रोजमर्रा की जरूरतों की खरीदाने करने के लिए उत्तराखंड के कुमाऊं स्थित बनबसा का बाजार आते हैं. अगर एक शब्द में हैं, तो उत्तराखंड का बनबसा बाजार पूरी तरह से नेपाली ग्राहकों पर निर्भर है. लेकिन सोमवार से नेपाल में चल रहे उग्र प्रदर्शन के चलते बनबसा बाजार का कारोबार बिल्कुल ठप हो गया है. कहा जा रहा है 2 दिन के अंदर ही कारोबार में 90 फीसदी तक की गिरावट आ गई है. ऐसे में स्थानीय कारोबारियों में निराशा है.
इन सामानों की खरीदारी करते हैं नेपाली
हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, बनबसा उद्योग व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष परमजीत गांधी का कहना है कि बनबसा बाजार की बसावट 1960 में शुरू हुई. तब से भारी संख्या में नेपाली इस मार्केट से खरीदारी कर रहे हैं. नेपाली नागरिक खासकर कपड़ा, खाद्य पदार्थ, हार्डवेयर, रेडीमेड और इलेक्टॉनिक सामानों की खरीदारी करते हैं. एक आंकड़े के मुताबिक, करीब डेढ़ हजार नेपाली नागरिक रोजाना मार्केट में खरीदारी करने आते हैं. इससे स्थानीय दुकानदार की अच्छी कमाई होती है. लेकिन नेपाल में अशांति के चलते कारोबार ठप हो गया है.
65 साल में पहली बार कारोबार प्रभावित
वहीं, स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि 65 साल में यह पहली बार हुआ है कि नेपाल में हिंसा के चलते सीमावर्ती बाजारों का कारोबार प्रभावित हो रहा है. खास बात यह है कि दो दिन पहले तक बनबसा मार्केट में रोजाना 50 लाख रुपये का कारोबार होता था. लेकिन पिछले 2 दिन में यह कारोबार गिरकर 5 से 7 लाख रुपये पर पहुंच गया है. क्योंकि 2 दिन से नेपाली नागरिक खरीदारी करने के लिए बनबसा मार्केट नहीं पहुंचे हैं.
नेपाल में 350 से अधिक लोग घायल
बड़ी बात यह है कि नेपाली नागरिक केवल सीमावर्ती मार्केट से खरीदारी ही नहीं करते हैं, बल्कि सब्जी और दूध की सप्लाई भी करते हैं. यानी नेपाली हिंसा से भारत के सीमावर्ती मार्केट में सब्जी और दूध की आवक भी कम हो गई है. हालांकि, व्यापारियों को उम्मीद है कि जल्द ही हालात सामान्य हो जाएंगे. इसके बाद कारोबार पटरी पर आने की उम्मीद है. बता दें कि नेपाल हिंसा में अभी तक 19 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 350 से अधिक लोग घायल हुए हैं.