पदयात्रा के जरिए गांव-गांव पहुंचेंगे शिवराज, जानेंगे जनता की जरूरतें

शिवराज सिंह चौहान की यह पदयात्रा सिर्फ राजनीतिक प्रचार नहीं, बल्कि एक जनसंपर्क और संवाद अभियान है. हर सप्ताह दो दिन, वे 20-25 किलोमीटर पैदल चलकर गांवों में पहुंचेंगे.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 23 May, 2025 | 09:29 AM

मध्य प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर “पांव-पांव वाले भैया” का नाम गूंजने वाला है. केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान 25 मई से विदिशा संसदीय क्षेत्र में ऐतिहासिक पदयात्रा शुरू करने जा रहे हैं. इस यात्रा का मकसद है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर और विकसित भारत के संकल्प को जमीन तक उतारना और केंद्र सरकार की योजनाओं को हर घर, हर गांव और हर व्यक्ति तक पहुंचाना.

गांव की गलियों से गुजरेगी विकास की पदयात्रा

शिवराज सिंह चौहान की यह पदयात्रा सिर्फ राजनीतिक प्रचार नहीं, बल्कि एक जनसंपर्क और संवाद अभियान है. हर सप्ताह दो दिन, वे 20-25 किलोमीटर पैदल चलकर गांवों में पहुंचेंगे, लोगों से मिलेंगे, योजनाओं की जानकारी देंगे और सीधे तौर पर उनकी समस्याओं को सुनकर मौके पर ही हल करने के निर्देश देंगे.

वे प्रधानमंत्री आवास योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण सड़क, स्वास्थ्य, स्वच्छता, डिजिटल इंडिया, और कौशल विकास योजनाओं की जानकारी आमजन तक पहुंचाएंगे.

हर वर्ग तक पहुंचेगा योजना का लाभ

चौहान की पदयात्रा में लाभार्थियों से प्रत्यक्ष संवाद होगा जैसे लाड़ली बहनों से, किसानों से, युवाओं से, और स्वयं सहायता समूहों से. वे जानेंगे कि योजनाओं का असर जमीनी स्तर पर कैसा है और क्या कुछ बेहतर किया जा सकता है. गांवों में जैविक खेती, दुग्ध डेयरी, जल संरक्षण और सहकारिता जैसे विषयों पर चर्चाएं की जाएंगी.

विदिशा से आगे बढ़ेगा पदयात्रा का कारवां

फिलहाल यह यात्रा विदिशा क्षेत्र की सभी विधानसभाओं में आयोजित की जाएगी, लेकिन आने वाले समय में शिवराज सिंह देश के अन्य लोकसभा क्षेत्रों में भी पदयात्रा करेंगे. इससे न सिर्फ केंद्र सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार होगा, बल्कि जनता और सरकार के बीच की दूरी भी घटेगी.

समाज और अर्थव्यवस्था पर यात्रा का असर

यह यात्रा सामाजिक और आर्थिक दोनों स्तरों पर बदलाव लाने का प्रयास है. शिवराज सिंह का कहना है,”पदयात्रा मेरा संकल्प है कि कोई भी योजना केवल कागजों तक सीमित न रह जाए. हर घर, हर व्यक्ति को उसका लाभ मिले, यही मेरी कोशिश है.”

शुरुआती कार्यक्रम की झलक

यात्रा की शुरुआत लाडकुई से होगी, जहां स्वागत कार्यक्रम, ग्रामसभा और जल-संवर्धन जैसे विषयों पर चर्चा होगी. इसके बाद भादकुई, छिदगांवमौजी, बीजला जोड़ जैसे गांवों में संवाद, योजनाओं की समीक्षा और युवाओं के साथ बातचीत की जाएगी. कृषक मेले, विश्वकर्मा योजना, और स्ट्रीट वेंडर कार्यक्रमों को भी यात्रा में जोड़ा गया है.

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Published: 23 May, 2025 | 08:15 AM

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