स्वच्छ भारत मिशन को लगा करप्शन का दाग, एमपी में अफसर ने उड़ाए 13 करोड़

यह अभियान 2 अक्टूबर 2014 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर शुरू किया गया था. इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के राजघाट से झाड़ू लगाकर की थी.

नई दिल्ली | Updated On: 24 May, 2025 | 01:19 PM

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत करोड़ों रुपये के गबन का मामला सामने आया है. जिले की प्रशासनिक जांच में पता चला है कि इस योजना के तहत लगभग 13.21 करोड़ रुपये की धनराशि का दुरुपयोग किया गया. इस घोटाले का मुख्य आरोपी ब्लॉक कोऑर्डिनेटर राजेंद्र सिंह परिहार है, जो अब फरार है. पुलिस ने इस मामले में 12 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में FIR दर्ज की है और जांच जारी है.

स्वच्छ भारत मिशन में बड़ा घोटाला

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना के तहत भीमपुर और चिचोली जनपद पंचायतों में कई परियोजनाओं जैसे शौचालय निर्माण, कूड़ा प्रबंधन, सोक पिट तथा कंपोस्टिंग इकाइयों का काम होता है. इस योजना के लिए धनराशि सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (PFMS) के माध्यम से ग्राम पंचायतों और संबंधित एजेंसियों को भेजी जाती है, लेकिन जांच में पाया गया कि 13.21 करोड़ रुपये की राशि बिना किसी तकनीकी या प्रशासनिक मंजूरी के गलत खातों में ट्रांसफर की गई.

कैसे हुआ घोटाला?

जांच में पता चला कि राजेंद्र परिहार ने दो कंप्यूटर ऑपरेटरों की मदद से स्वच्छ भारत मिशन के सीईओ के डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग किया. बिना सीईओ की अनुमति या जानकारी के, उन्होंने फर्जी वेंडरों और कुछ कंपनियों के खातों में पैसे ट्रांसफर कराए. बैंक ट्रांसफर की पड़ताल में यह भी सामने आया कि ये भुगतान इंदौर और वारसोनी के खातों में गए, जबकि बैतूल जिले में संबंधित कोई काम नहीं हुआ.

प्रशासन की कार्रवाई और पुलिस की जांच

बैतूल के एसपी निशचल एन झरिया ने मीडिया को बताया कि आरोपी राजेंद्र परिहार अभी फरार है. पुलिस ने अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है, लेकिन एक विशेष जांच टीम (SIT) सरकारी रिकॉर्ड की गहराई से जांच कर रही है. एसपी ने कहा कि मामले में और सरकारी अधिकारियों के भी आरोपी बनने की संभावना है, और घोटाले की राशि बढ़ भी सकती है.

बैतूल कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने स्वीकार किया कि डिजिटल सिग्नेचर के दुरुपयोग के कारण यह घोटाला संभव हो पाया. उन्होंने बताया कि अब जिले में सभी विकास कार्यों की मासिक समीक्षा शुरू कर दी गई है. आरोपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है, साथ ही उसकी संपत्ति की पहचान कर राशि वसूली की जाएगी. डिजिटल सिग्नेचर को पेनड्राइव में सुरक्षित रखने और निगरानी टीम के गठन से ऐसे घोटालों को रोकने की कोशिश की जा रही है.

क्या है आगे की योजना?

प्रशासन ने इस घोटाले की जांच को पूरी गंभीरता से लिया है. साथ ही, योजना के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. डिजिटल सिग्नेचर और भुगतान प्रणाली में सुधार कर भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने की कोशिश जारी है ताकि स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य सही तरीके से पूरा हो सके और जनता को इसका लाभ मिल सके.

स्वच्छ भारत मिशन क्या है?

स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक देशव्यापी सफाई अभियान है, जिसका उद्देश्य है-देश को साफ, स्वच्छ और खुले में शौच से मुक्त (ODF) बनाना. यह अभियान 2 अक्टूबर 2014 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर शुरू किया गया था. इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के राजघाट से झाड़ू लगाकर की थी.

Published: 24 May, 2025 | 01:08 PM