पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा खाया जाने वाला मांस कौन सा है? जवाब जानकर रह जाएंगे हैरान!

इस्लाम और यहूदी धर्म में सूअर के मांस को हराम यानी निषिद्ध माना गया है. इस वजह से सऊदी अरब, ईरान, पाकिस्तान, इजराइल और भारत जैसे देशों में इसका सेवन बेहद सीमित है. भारत में ज्यादातर लोग धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं के चलते सूअर और बीफ दोनों से दूरी बनाए रखते हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 30 Oct, 2025 | 09:09 AM

Meat Consumption: दुनिया के अलग-अलग देशों की अपनी-अपनी खानपान की परंपराएं हैं. कहीं लोग शाकाहारी भोजन पसंद करते हैं, तो कहीं मांसाहारी व्यंजन रोज के खाने का हिस्सा होते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा किस जानवर का मांस खाया जाता है? बहुत से लोग सोचेंगे कि इसका जवाब चिकन या बीफ होगा, लेकिन सच्चाई कुछ और है.

सबसे ज्यादा खाया जाने वाला मांस

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के अनुसार, दुनिया में सबसे ज्यादा खाया जाने वाला मांस सूअर का मांस (Pork) है. यह अकेले ही वैश्विक मांस उपभोग का लगभग 36 प्रतिशत हिस्सा रखता है. यानी, दुनिया भर में जो भी मांस खाया जाता है, उसमें से हर तीन में से एक बार सूअर का मांस ही होता है. इसके बाद दूसरे स्थान पर चिकन (33 प्रतिशत), तीसरे पर बीफ (24 प्रतिशत) और चौथे पर भेड़-बकरी का मांस (5 प्रतिशत) आता है.

क्यों है सूअर का मांस इतना लोकप्रिय

सूअर पालन का इतिहास बहुत पुराना है, खासकर एशिया में. चीन, वियतनाम, जापान और कोरिया जैसे देशों में सूअर हजारों सालों से पाले जा रहे हैं. इसकी लोकप्रियता के कई कारण हैं. दरअसल, सूअर का पालन आसान होता है, उन्हें ज्यादा जगह नहीं चाहिए होती और वे किसी भी जलवायु में ढल जाते हैं. इसके अलावा, वे जल्दी बड़े हो जाते हैं और अन्य पशुओं की तुलना में ज्यादा मांस देते हैं. एक और बड़ी बात यह है कि सूअर लगभग हर तरह का खाना खा लेते हैं यानी उनका पालन आर्थिक रूप से किफायती और स्थायी माना जाता है.

चीन बना दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक

अगर वैश्विक स्तर पर देखें, तो चीन अकेला ऐसा देश है जो सबसे ज्यादा सूअर का मांस पैदा भी करता है और खाता भी है. चीन की बड़ी आबादी और वहां की पारंपरिक रेसिपी में सूअर के मांस की गहरी जड़ें हैं. यहां “चा सिउ”, “डम्पलिंग्स”, “पोर्क नूडल्स” जैसे व्यंजन बेहद लोकप्रिय हैं. चीन के अलावा स्पेन, जर्मनी, अमेरिका और ब्राजील जैसे देशों में भी सूअर के मांस का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है.

सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण

हालांकि, दुनिया के कई हिस्सों में धार्मिक कारणों से सूअर का मांस नहीं खाया जाता. इस्लाम और यहूदी धर्म में सूअर के मांस को हराम यानी निषिद्ध माना गया है. इस वजह से सऊदी अरब, ईरान, पाकिस्तान, इजराइल और भारत जैसे देशों में इसका सेवन बेहद सीमित है.भारत में ज्यादातर लोग धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं के चलते सूअर और बीफ दोनों से दूरी बनाए रखते हैं. यही कारण है कि भारत में चिकन सबसे ज्यादा खाया जाने वाला मांस है.

सूअर पालन का आर्थिक महत्व

सूअर पालन उन देशों के लिए वरदान साबित हुआ है जहां संसाधन सीमित हैं. सूअर को कम जगह, कम चारा और कम देखभाल की जरूरत होती है. यही वजह है कि यह किसानों के लिए आय का आसान और टिकाऊ साधन बन गया है. सूअर के मांस से सॉसेज, बेकन, हैम और कई तरह के स्नैक्स बनाए जाते हैं, जिनकी मांग पश्चिमी देशों में काफी अधिक है.

भविष्य में बदल सकता है रुझान

हालांकि, अब धीरे-धीरे सस्टेनेबल और प्लांट-बेस्ड फूड की ओर लोगों का रुझान बढ़ रहा है. कई देश लैब-ग्रो मीट (Lab-grown meat) या वेजिटेरियन मांस विकल्पों पर काम कर रहे हैं ताकि पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों को ध्यान में रखा जा सके. फिर भी फिलहाल, आंकड़े यही बताते हैं कि सूअर का मांस दुनिया की सबसे पसंदीदा मीट कैटेगरी बना हुआ है.

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