Potato Farming: दिल्ली-एनसीआर सहित बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और पश्चिम बंगाल के अलावा कई राज्यों में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. सुबह में कोहरे के साथ-साथ शीतलहर और पाले का भी असर देखने को मिल रहा है. इससे आम जनता के साथ-साथ पशु- पक्षी भी परेशान हैं. लेकिन इस सर्दी से सबसे ज्यादा नुकसान फसलों को पहुंच रहा है. खास कर पाला से आलू की फसल पर कुछ ज्यादा ही असर पड़ रहा है. अधिक ठंड के चलते आलू में रोग लगने की संभावना बढ़ गई है. हालांकि, कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि किसान थोड़ी सी सावधानी अपनाकर आलू की फसल को नुकसान पहुंचने से बचा सकते हैं.
कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि दिसंबर की कड़कड़ाती ठंड में आलू की फसल को खास देखभाल की जरूरत होती है. अचानक तापमान गिरने से पौधों की बढ़वार धीमी हो जाती है और उत्पादन पर असर पड़ सकता है. ऐसे में किसान छोटे-छोटे प्रबंधन उपाय अपनाकर फसल को ठंड से सुरक्षित रख सकते हैं. खास बात यह है कि इन उपायों से आलू के कंद का आकार भी दोगुना तक बढ़ सकता है. इस समय सबसे अहम है मिट्टी में नमी संतुलित रखना.
समय पर करें फसल की सिंचाई
एक्सपर्ट के मुताबिक, दिसंबर में आलू के खेत में हल्की और समय पर सिंचाई करना बहुत जरूरी है. ठंड में मिट्टी अक्सर सख्त हो जाती है और पौधों की जड़ों तक नमी नहीं पहुंच पाती. इसलिए हल्की सिंचाई करें, ताकि मिट्टी नरम रहे और पौधे आसानी से पोषक तत्व ले सकें. साथ ही, खेत में जल जमाव न होने दें, क्योंकि पानी जमा होने से कंद सड़ सकते हैं और फसल को नुकसान पहुंच सकता है.
इन कीटों को बढ़ जाता है खतरा
फसल प्रबंधन में नियमित निरीक्षण बहुत जरूरी है. इस मौसम में झुलसा, कीट और फफूंद का खतरा बढ़ जाता है, जो पौधों की बढ़वार रोक सकते हैं. सुजीत महतो के अनुसार, किसान हर 2- 3 दिन में अपने खेत का निरीक्षण करें. रोग के शुरुआती लक्षण दिखाई दें तो तुरंत उपयुक्त दवाओं का छिड़काव करें. इससे बीमारी फैलने से पहले ही काबू में आ जाती है और फसल सुरक्षित रहती है.
हल्की गुड़ाई करने से मिलेगा बहुत लाभ
साथ ही विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय आलू की हल्की गुड़ाई भी बहुत फायदेमंद होता है. उनका कहना है कि गुड़ाई से मिट्टी ढीली और भुरभुरी हो जाती है, पौधों की जड़ों को ज्यादा हवा मिलती है और कंद तेजी से बढ़ते हैं. इससे पौधे मजबूत होते हैं और ठंड का असर कम होता है. अगर किसान ये आसान उपाय अपनाएं, तो दिसंबर की ठंड आलू की फसल के लिए खतरा नहीं, बल्कि विकास का अवसर बन सकती है.