महज 3 दिन के अंदर सलाखों के पीछे पहुंचे मंत्री के दोनों बेटे, इस मामले में हुई गिरफ्तारी

गुजरात सरकार में मंत्री बच्चूभाई खाबड़ के दोनों बेटों को 71 करोड़ के मनरेगा घोटाले में गिरफ्तार किया गया है. इसे मामले में अभी तक कुल 10 गिरफ्तारियां हुई हैं.

नोएडा | Updated On: 20 May, 2025 | 04:49 PM

गुजरात के पंचायत और कृषि राज्य मंत्री बच्चूभाई खाबड़ के छोटे बेटे किरण खाबड़ को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. ये गिरफ्तारी दाहोद जिला स्थित देवगढ़ बारिया और धनपुर तालुका में कथित 71 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाले के सिलसिले में हुई है. इससे दो दिन पहले उनके बड़े बेटे बलवंत सिंह खाबड़ को भी गिरफ्तार किया गया था. खास बात यह है कि किरण के साथ तीन और लोगों को भी पकड़ा गया है, जिनमें दाहोद के डिप्टी डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट ऑफिसर सिक परमार, पूर्व असिस्टेंट प्रोग्राम ऑफिसर दिलीप चौहान और एक अन्य कर्मचारी प्रतिक्ष बारिया शामिल हैं.

अब तक इस मामले में कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. किरण खाबड़ गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार था. उसने अपने भाई के साथ अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी, लेकिन बाद में वापस ले ली. सोमवार सुबह उसे वडोदरा-हलोल हाईवे से पकड़ा गया.

घोटाले में ये अधिकारी भी शामिल

दाहोद डीएसपी जगदीशसिंह भंडारी ने कहा कि जनवरी 2021 से दिसंबर 2024 के बीच हुए इस कथित घोटाले में किरण खाबड़ और बाकी अधिकारी मिलकर काम कर रहे थे. गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों में तत्कालीन धनपुर तालुका विकास अधिकारी रसिक राठवा, जो अब दाहोद के डिप्टी DDO हैं, और मनरेगा के APO दिलीप चौहान भी शामिल हैं. पुलिस ने कहा कि सभी आरोपियों को मंगलवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा.

एजेंसियों को 10.10 करोड़ रुपये का भुगतान

बलवंतसिंह और किरण पर आरोप है कि उन्होंने ऐसी एजेंसियां चलाईं जो मनरेगा के तहत गांवों में सड़क निर्माण के लिए कच्चा माल सप्लाई करती थीं. अधिकारियों के मुताबिक, देवगढ़ बारिया तालुका में 28 अनाधिकृत एजेंसियों को ठेके दिए गए, जबकि वे सबसे कम बोली लगाने वाली एजेंसियां नहीं थीं. इन एजेंसियों के 260.90 करोड़ रुपये के बिल पास किए गए. वहीं, धनपुर तालुका में सात ऐसी एजेंसियों को 10.10 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया.

इन एजेंसियों का है नाम

जिन एजेंसियों का नाम सामने आया है, उनमें राज ट्रेडर्स और एनएल ट्रेडर्स शामिल हैं, जो किरण और बलवंतसिंह से जुड़ी बताई जा रही हैं. इस मामले में 24 अप्रैल को एफआईआर दर्ज की गई थी, जो जिला ग्रामीण विकास प्राधिकरण के निदेशक बीएम पटेल की शिकायत पर हुई थी.

 

 

 

 

 

Published: 20 May, 2025 | 03:13 PM