केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते पर पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि किसानों का भला करना हमारी सरकार की ‘सबसे बड़ी प्राथमिकता’ है. शिवराज सिंह के मुताबिक, पीएम मोदी ने यह भी कहा है कि भारत अपने किसानों, डेयरी किसानों और मछुआरों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा, क्योंकि हमें पूरा एहसास है कि मुझे व्यक्तिगत रूप से इसकी बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है. लेकिन मैं इसके लिए तैयार हैं.
दरअसल, पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान अमेरिका के साथ चल रही मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की बातचीत के बीच आया. बताया गया है कि अमेरिका ने भारतीय कृषि बाजार, खासकर डेयरी सेक्टर, सोयाबीन, मक्का, बादाम और सेब जैसे उत्पादों को भारत में बेचने की ज्यादा छूट मांगी है. वहीं, भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने साफ तौर पर यह संदेश दिया है कि किसानों का भला करना उनकी सरकार की ‘सबसे बड़ी प्राथमिकता’ है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत अपने किसानों, डेयरी किसानों और मछुआरों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा. प्रधानमंत्री ने माना कि इसके लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है, लेकिन वो इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं.
व्यापार समझौते में आगे नहीं बढ़ना चाहिए
धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि भारत को अमेरिका के साथ ऐसे किसी भी व्यापार समझौते में आगे नहीं बढ़ना चाहिए जिसमें खेती से जुड़े मुद्दे हों और जो हमारे किसानों की रोजी-रोटी के लिए खतरा बन सके. उन्होंने यह भी कहा कि हम विश्व व्यापार संगठन (WTO) में अमेरिका के साथ चल रहे लंबित मामलों को सुलझाने की मांग करते हैं. खासतौर पर उसकी कृषि सब्सिडी से जुड़े मुद्दों को. क्योंकि ये सब्सिडी न सिर्फ भारत के किसानों को मिलने वाले समर्थन को कमजोर करती हैं, बल्कि अमेरिका अपनी भारी सब्सिडी को बचाए भी रखता है.
राष्ट्र प्रथम हमारा मूल मंत्र
पीजेंट के चेयरमेन अशोक बालियान ने भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते में कृषि क्षेत्र पर सहमति नहीं बन पाने के मुद्दे पर कहा कि राष्ट्र प्रथम हमारा मूल मंत्र है. किसी भी दबाव में कोई समझौता नहीं किया जाएगा. यदि समझौता होगा, तो वह भारत के किसानों के हितों को ध्यान में रखकर ही होगा. भारत किसी दबाव में नहीं झुकेगा. दरअसल, केंद्रीय कृषि मंत्री और किसान नेताओं ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) में एक कार्यक्रम के दौरान ये बातें कहीं.