जेब ढीली कर रहा ट्रैक्टर का डीजल? अपनाएं ये 6 आसान Tricks… घटेगी खपत, माइलेज भी होगा डबल!

How To Increase Tractor Mileage: खेती में मुनाफा बढ़ाना सिर्फ फसल पर नहीं, बल्कि ट्रैक्टर की सही देखभाल पर भी निर्भर करता है. डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच किसान का सबसे बड़ा हथियार है ट्रैक्टर का बढ़िया माइलेज. अगर आपका ट्रैक्टर जरूरत से ज्यादा डीजल पी रहा है, तो अब चिंता छोड़िए! कुछ आसान आदतें अपनाकर आप न सिर्फ ईंधन बचा सकते हैं, बल्कि अपने ट्रैक्टर की ताकत और उम्र दोनों बढ़ा सकते हैं.

Isha Gupta
नोएडा | Published: 9 Dec, 2025 | 03:20 PM
1 / 6Regular Servicing: ट्रैक्टर का माइलेज बढ़ाने का पहला और सबसे आसान तरीका है समय पर सर्विसिंग कराना. हर 250 घंटे बाद इंजन ऑयल, एयर फिल्टर और डीजल फिल्टर बदल देने से इंजन स्मूथ चलता है. इंजन पर कम दबाव पड़ता है, जिससे डीजल की खपत भी कम होती है और ट्रैक्टर की लाइफ बढ़ती है.

Regular Servicing: ट्रैक्टर का माइलेज बढ़ाने का पहला और सबसे आसान तरीका है समय पर सर्विसिंग कराना. हर 250 घंटे बाद इंजन ऑयल, एयर फिल्टर और डीजल फिल्टर बदल देने से इंजन स्मूथ चलता है. इंजन पर कम दबाव पड़ता है, जिससे डीजल की खपत भी कम होती है और ट्रैक्टर की लाइफ बढ़ती है.

2 / 6Tractor Tyre Pressure: अक्सर किसान टायर प्रेशर को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह माइलेज पर सबसे ज्यादा असर डालता है. कम या ज्यादा हवा होने पर इंजन को ज्यादा जोर लगाना पड़ता है, जिससे डीजल ज्यादा जलता है. इसलिए हमेशा कंपनी द्वारा बताए गए प्रेशर पर ही टायरों में हवा भरें और हर काम से पहले जांच जरूर करें.

Tractor Tyre Pressure: अक्सर किसान टायर प्रेशर को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह माइलेज पर सबसे ज्यादा असर डालता है. कम या ज्यादा हवा होने पर इंजन को ज्यादा जोर लगाना पड़ता है, जिससे डीजल ज्यादा जलता है. इसलिए हमेशा कंपनी द्वारा बताए गए प्रेशर पर ही टायरों में हवा भरें और हर काम से पहले जांच जरूर करें.

3 / 6Use the Right Gear: गलत गियर में ट्रैक्टर चलाने से इंजन पर अनचाहा बोझ पड़ता है. भारी काम जैसे जुताई में कम RPM और ज्यादा टॉर्क देने वाले गियर का उपयोग करें. सही गियर का इस्तेमाल डीज़ल की अच्छी बचत करता है और ट्रैक्टर की परफॉर्मेंस भी बेहतर बनाता है.

Use the Right Gear: गलत गियर में ट्रैक्टर चलाने से इंजन पर अनचाहा बोझ पड़ता है. भारी काम जैसे जुताई में कम RPM और ज्यादा टॉर्क देने वाले गियर का उपयोग करें. सही गियर का इस्तेमाल डीज़ल की अच्छी बचत करता है और ट्रैक्टर की परफॉर्मेंस भी बेहतर बनाता है.

4 / 6Avoid Overloading: ट्रैक्टर की क्षमता से ज्यादा भारी औज़ार जोड़ना इंजन पर दबाव डालता है और माइलेज को काफी हद तक प्रभावित करता है. हल, कल्टीवेटर या अन्य औज़ार हमेशा ट्रैक्टर की हॉर्सपावर के अनुसार ही लगाएं. इससे डीजल की खपत कम होगी और मशीन लंबे समय तक बढ़िया चलेगी.

Avoid Overloading: ट्रैक्टर की क्षमता से ज्यादा भारी औज़ार जोड़ना इंजन पर दबाव डालता है और माइलेज को काफी हद तक प्रभावित करता है. हल, कल्टीवेटर या अन्य औज़ार हमेशा ट्रैक्टर की हॉर्सपावर के अनुसार ही लगाएं. इससे डीजल की खपत कम होगी और मशीन लंबे समय तक बढ़िया चलेगी.

5 / 6Tractor Ka Mileage Kaise Badhaye: बहुत तेज या बहुत धीमा चलना, दोनों ही माइलेज के लिए नुकसानदायक हैं. खेत के हिसाब से एक संतुलित स्पीड में काम करने से इंजन आराम से चलता है और फ्यूल इफिशियंसी बेहतर होती है. चाहे जुताई हो, ट्रॉली खींचना हो या बुवाई हर काम का अपना सही स्पीड पैटर्न होता है.

Tractor Ka Mileage Kaise Badhaye: बहुत तेज या बहुत धीमा चलना, दोनों ही माइलेज के लिए नुकसानदायक हैं. खेत के हिसाब से एक संतुलित स्पीड में काम करने से इंजन आराम से चलता है और फ्यूल इफिशियंसी बेहतर होती है. चाहे जुताई हो, ट्रॉली खींचना हो या बुवाई हर काम का अपना सही स्पीड पैटर्न होता है.

6 / 6Tractor Ka Mileage Badhane Ke Tips: ठंड के मौसम में ट्रैक्टर को स्टार्ट करते ही तुरंत भारी काम न कराएं. पहले 2–3 मिनट तक उसे गर्म होने दें ताकि इंजन ऑयल सही से सर्कुलेट हो सके. दिन के काम के बाद 1 मिनट तक इंजन को ठंडा होने दें. यह छोटी-सी आदत माइलेज भी बढ़ाती है.

Tractor Ka Mileage Badhane Ke Tips: ठंड के मौसम में ट्रैक्टर को स्टार्ट करते ही तुरंत भारी काम न कराएं. पहले 2–3 मिनट तक उसे गर्म होने दें ताकि इंजन ऑयल सही से सर्कुलेट हो सके. दिन के काम के बाद 1 मिनट तक इंजन को ठंडा होने दें. यह छोटी-सी आदत माइलेज भी बढ़ाती है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

आम धारणा के अनुसार तरबूज की उत्पत्ति कहां हुई?

Side Banner

आम धारणा के अनुसार तरबूज की उत्पत्ति कहां हुई?