खेती का हीरो बना महिंद्रा EPC, बचाए 262 करोड़ लीटर पानी और लाखों यूनिट बिजली

महिंद्रा EPC सिर्फ सिंचाई सिस्टम ही नहीं बेचती, बल्कि शुरुआत से लेकर फसल तक पूरी मदद देती है. प्लानिंग, डिजाइन, इंस्टॉलेशन और फसल से जुड़ी सलाह, सब कुछ किसानों को एक ही जगह मिलती है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 6 Jun, 2025 | 12:57 PM

क्या आपने कभी सोचा है कि सिर्फ सिंचाई की तकनीक बदलकर हम करोड़ों लीटर पानी बचा सकते हैं? और वो भी तब, जब देश के कई हिस्सों में पानी की बूंद-बूंद के लिए लोग तरस रहे हैं. लेकिन महिंद्रा EPC ने यह कर दिखाया है. कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 में करीब 262 करोड़ लीटर पानी और 8.4 मिलियन यूनिट बिजली की बचत की है.

जब तकनीक बनी खेती की ताकत

महिंद्रा EPC इरिगेशन लिमिटेड पिछले कई सालों से खेती में नई सोच और नई तकनीक लेकर आ रहा है. ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी माइक्रो इरिगेशन तकनीकें न सिर्फ सिंचाई को आसान बनाती हैं, बल्कि पानी की भारी बचत भी करती हैं. और यही वजह है कि आज देश के हजारों किसान इसका फायदा उठा रहे हैं.

महिंद्रा EPC के मैनेजिंग डायरेक्टर रमेश रामचंद्रन ने भी इस सफलता पर कहा, “हम हमेशा किसान को सबसे पहले रखते हैं. हमारी कोशिश है कि हर किसान माइक्रो इरिगेशन अपनाए. इस तकनीक से खेती तो बेहतर होती ही है, साथ ही पानी और बिजली की भी जबरदस्त बचत होती है. हमारा काम भारत सरकार की ‘हर बूंद से अधिक फसल’ की सोच और महिंद्रा ग्रुप की सस्टेनेबिलिटी योजना के अनुरूप है.”

‘हर बूंद कीमती है’- इस सोच के साथ आगे बढ़ रही है कंपनी

बारिश कम हो रही है, सूखा बढ़ रहा है, और बिजली की खपत भी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. ऐसे समय में महिंद्रा EPC की यह पहल बिल्कुल समय की जरूरत बन गई है. कंपनी ने ‘Per Drop, More Crop’ यानी “हर बूंद से ज्यादा फसल” की सोच को सिर्फ अपनाया नहीं, बल्कि जमीन पर उतार दिया है.

उपकरण के साथ मदद भी

महिंद्रा EPC सिर्फ सिंचाई सिस्टम ही नहीं बेचती, बल्कि शुरुआत से लेकर फसल तक पूरी मदद देती है. प्लानिंग, डिजाइन, इंस्टॉलेशन और फसल से जुड़ी सलाह, सब कुछ किसानों को एक ही जगह मिलता है. देशभर में कंपनी के पास 1000 से ज्यादा चैनल पार्टनर और दर्जनों शाखाएं हैं, जो किसानों के साथ जुड़कर काम कर रही हैं. डिजिटल सेवाओं की मदद से भी किसान अब ज्यादा जानकारी और सुविधा पा रहे हैं.

प्रकृति की भी हो रही है देखभाल

जहां आज हर जगह पर्यावरण संकट की बातें हो रही हैं, वहीं महिंद्रा EPC जैसे प्रयास धरती को बचाने की दिशा में एक मजबूत कदम हैं. इससे ना सिर्फ जमीन की उर्वरता बनी रहती है, बल्कि सूखा और जल संकट जैसी समस्याओं से निपटना भी आसान हो जाता है.

महिंद्रा ग्रुप की सोच

महिंद्रा ग्रुप की शुरुआत 1945 में हुई थी और आज ये दुनिया के 100 से भी ज्यादा देशों में काम कर रहा है. खेती, ट्रैक्टर, गाड़ियां, बिजली, तकनीक, हर क्षेत्र में इस समूह की मजबूत पकड़ है. लेकिन सबसे खास बात है इसकी सोच”Rise” यानी “उठो और दूसरों को भी ऊपर उठाओ. इसी सोच के साथ महिंद्रा EPC किसानों और पर्यावरण दोनों की भलाई के लिए लगातार काम कर रहा है.

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