इस साल समय पर मानसून, कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की खरीदने की क्षमता बढ़ने जैसे कारकों ने ट्रैक्टर उद्योग को मजबूती दी है. साथ ही, सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी और कृषि योजनाएं भी बिक्री में इजाफा कर रही हैं.
बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में अबतक 569 फार्म मशीनरी बैंक बनाए जा चुके हैं. जिनकी मदद से किसानों को खेती में इस्तेमाल किए जाने वाले आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं
यह मशीन खास उन किसानों के लिए है जिनके खेत की मिट्टी एक समान नहीं होती और उसमें बीज और खाद डालने में मुश्किल आती है. इसमें लेजर ट्रांसमीटर कंट्रोल पैनल और हाइड्रोलिक सिस्टम होता है.
बिहार सरकार फार्म मशीनरी बैंक योजना के तहत किसानों को खेती के लिए जरूरी आधुनिक यंत्र उपलब्ध करा रही है. जिसमें सरकार अधिकतम 8 लाख रुपये की सब्सिडी भी दे रही है.
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे जिलों में किसान खास तौर पर धान के बाद गेहूं की बुवाई के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. साथ ही ICAR जैसी संस्थान भी खेती के इस तरीके को बढ़ावा दे रही है.
कंपनी के ट्रैक्टरों की बिक्री भी मजबूत रही है. घरेलू बाजार में मई में 38,914 ट्रैक्टर बिके, जो पिछले साल के 35,237 यूनिट्स से अधिक हैं.