पराली जलाने पर 770 किसानों पर 16.71 लाख का जुर्माना, खेत मालिकों पर FIR दर्ज

फसल कटने के बाद खेत में बचे अवशेषों को साफ करने के लिए किसानों के पास ना तो मशीनें हैं, ना कोई और दूसरा सस्ता विकल्प. ऐसे में पराली जलाना ही उनके लिए सबसे आसान रास्ता बचता है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 17 Apr, 2025 | 09:52 AM

मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में खेतों में पराली जलाने को लेकर प्रशासन सख्त हो गया है. बीते हालिया दिनों में 770 किसानों पर करीब 16.71 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. वहीं, तीन खेत मालिकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है. यह कार्रवाई जिले में लगातार हो रही पराली जलाने की घटनाओं के चलते की जा रही है, जिससे इंदौर की हवा खराब हो रही है. इंदौर को देश का सबसे साफ शहर माना जाता है और प्रशासन इसे बनाए रखने की कोशिश में जुटा है.

कलेक्टर बोले- “नियम तोड़ने वालों पर सख्ती जरूरी”

जिलाधिकारी आशीष सिंह ने कहा, “खेतों में पराली जलाना कानूनन गलत है और इससे पर्यावरण को नुकसान होता है. इसलिए हम सख्त कदम उठा रहे हैं.” प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाया है. इसके उल्लंघन पर एक साल की जेल या 5,000 रुपये तक का जुर्माना, या दोनों सजा हो सकती है.

समझाइश दो, जुर्माना नहीं

जहां एक तरफ प्रशासन कानून के मुताबिक सख्ती कर रहा है, वहीं दूसरी ओर किसान संगठनों में नाराजगी है. संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक रामस्वरूप मंत्री ने कहा, “हम पराली जलाने के खिलाफ हैं, लेकिन किसानों पर सीधे भारी जुर्माना लगाना ठीक नहीं है. पहले सरकार को समाधान देना चाहिए.” उन्होंने कहा कि प्रशासन को गांव-गांव जाकर किसानों को पराली के निपटान के उपाय बताने चाहिए, ताकि वो पराली जलाने को मजबूर न हों.

क्यों जलाते हैं किसान पराली?

फसल कटने के बाद खेत में बचे अवशेषों को साफ करने के लिए किसानों के पास ना तो मशीनें हैं, ना कोई और दूसरा सस्ता विकल्प. ऐसे में पराली जलाना ही उनके लिए सबसे आसान रास्ता बचता है. लेकिन अब यह रास्ता उन्हें कानूनी पचड़े में डाल रहा है.

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