उत्तर भारत में फिर बदला मौसम का मिजाज, यूपी-बिहार में बारिश तो दिल्ली में तपेगा सूरज

उत्तर प्रदेश में आसमानी आफत एक बार फिर दस्तक देने वाली है. लखनऊ मौसम केंद्र के मुताबिक सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मोरादाबाद, बरेली, पीलीभीत, बस्ती, बलरामपुर, गोंडा और बहराइच जिलों में 12 सितंबर को भारी बारिश हो सकती है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 12 Sep, 2025 | 07:00 AM

देश में मानसून की रफ्तार भले ही अब धीमी पड़ती दिख रही हो, लेकिन कई राज्यों में मौसम का मिजाज अभी भी बदला-बदला है. भारतीय मौसम विभाग ने 12 सितंबर के लिए उत्तर भारत और पूर्वी राज्यों के लिए नया अलर्ट जारी किया है. एक ओर जहां उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और उत्तराखंड जैसे राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तापमान में तेजी से बढ़ोतरी होने की संभावना है. यह बदलाव लोगों के लिए असुविधा और परेशानी लेकर आ सकता है.

दिल्ली में फिर तपेगा सूरज

दिल्ली में फिलहाल बारिश से राहत तो मिलेगी, लेकिन राहत के साथ-साथ लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ेगा. मौसम विभाग के अनुसार 12 सितंबर को राजधानी में किसी तरह की बारिश का पूर्वानुमान नहीं है. दिन में पारा 33 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा. तेज धूप और बढ़ती नमी के कारण लोगों को चुभने वाली गर्म हवाओं का एहसास होगा. रात में हल्की तेज हवाएं जरूर चलेंगी, जिनकी रफ्तार 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटा तक रह सकती है, लेकिन इससे ज्यादा राहत की उम्मीद नहीं है. आने वाले तीन से चार दिनों तक इसी तरह का मौसम बने रहने की संभावना जताई गई है.

यूपी में भारी बारिश की चेतावनी

उत्तर प्रदेश में आसमानी आफत एक बार फिर दस्तक देने वाली है. लखनऊ मौसम केंद्र के मुताबिक सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मोरादाबाद, बरेली, पीलीभीत, बस्ती, बलरामपुर, गोंडा और बहराइच जिलों में 12 सितंबर को भारी बारिश हो सकती है. इन जिलों में तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश का अनुमान है. मौसम विभाग ने लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचने और घरों में सुरक्षित रहने की सलाह दी है. लगातार बारिश से निचले इलाकों में जलभराव और सड़कों पर फिसलन की समस्या भी बढ़ सकती है.

बिहार में फिर बरसेंगे बादल

बिहार में भी अगले 24 घंटे चुनौतीपूर्ण रह सकते हैं. पश्चिम चंपारण, सारण, सिवान, मुजफ्फरपुर, बांका और भागलपुर जैसे जिलों में भारी बारिश के साथ बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया गया है. इस दौरान गरज के साथ तेज हवाएं चलने की संभावना है. मौसम विभाग ने किसानों और आम लोगों से खेतों और खुले मैदानों में काम करते समय सतर्क रहने की अपील की है. लगातार हो रही बारिश से नदियों के जलस्तर में वृद्धि की संभावना बनी हुई है, जिससे बाढ़ जैसे हालात पैदा हो सकते हैं.

उत्तराखंड और झारखंड में भी बरसेगा पानी

पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में पिथौरागढ़, देहरादून, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, उत्तरकाशी, उधम सिंह नगर, चंपावत, टिहरी गढ़वाल, बागेश्वर और रुद्रप्रयाग जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है. पहाड़ी इलाकों में बारिश के कारण भूस्खलन और सड़क बाधित होने का खतरा भी बढ़ सकता है. वहीं झारखंड में रांची, पलामू, जमशेदपुर, बोकारो और गुमला जिलों में मूसलाधार बारिश की संभावना है. यहां पिछले कुछ दिनों से मानसून की गति फिर से तेज हो गई है, जिससे निचले इलाकों में जलभराव की समस्या हो सकती है.

हिमाचल और पंजाब में राहत

हिमाचल प्रदेश में फिलहाल बारिश से राहत मिलने की संभावना है. हालांकि, बीते चार महीनों में बाढ़ और भारी बारिश के कारण राज्य को भारी नुकसान झेलना पड़ा है. अब तक यहां 400 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और कई इलाकों में सड़कें व पुल क्षतिग्रस्त हैं. वहीं पंजाब में भी मौसम साफ रहने का अनुमान है, लेकिन बाढ़ का असर अब भी जारी है. कई गांवों में पानी भरा हुआ है और एनडीआरएफ की टीमें लगातार राहत कार्य में लगी हुई हैं.

दक्षिण भारत में भी सक्रिय रहेगा मानसून

केवल उत्तर भारत ही नहीं, दक्षिण भारत के कई राज्यों में भी मूसलाधार बारिश का पूर्वानुमान है. तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. यहां समुद्र में ऊंची लहरों और तेज हवाओं के कारण मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है.

बदलते मौसम में बरतें सावधानी

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि सितंबर के दूसरे सप्ताह में मानसून की चाल भले ही धीमी हो, लेकिन अचानक बदलते मौसम से लोग सतर्क रहें. जिन इलाकों में भारी बारिश की संभावना है वहां जलभराव, बिजली गिरने और भूस्खलन का खतरा बना रह सकता है. वहीं दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में गर्मी और उमस से बचने के लिए पर्याप्त पानी पीने और हल्के कपड़े पहनने की सलाह दी गई है.

देश के अलग-अलग हिस्सों में मौसम के बदलते तेवर एक बार फिर साबित कर रहे हैं कि मानसून का असर खत्म होने के बाद भी सावधानी में ही सुरक्षा है.

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Published: 12 Sep, 2025 | 07:00 AM

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