भारी बारिश से फसल चौपट, 1.86 लाख किसान प्रभावित.. 28 मवेशी और 15000 मुर्गियों की मौत
महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में जून से सितंबर के बीच भारी बारिश और बाढ़ से 1.86 लाख किसानों की फसलें बर्बाद हुईं. 448 गांव प्रभावित हुए, 276 घरों को नुकसान पहुंचा और हजारों मुर्गियों की मौत हुई है. मंत्री जयकुमार गोरे ने नुकसान के तेजी से पंचनामा कर राहत राशि जल्द जारी करने के निर्देश दिए हैं.
Maharashtra News: भारी बारिश से केवल पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में ही फसलों की बर्बादी नहीं हुई है, बल्कि महाराष्ट्र के किसान भी इससे पीड़ित हैं. खासकर सोलापुर जिले में बारिश से फसल नुकसान का असर कुछ ज्याद ही देखने को मिल रहा है. जिले में जून से सितंबर के बीच हुई भारी बारिश ने बड़े पैमाने पर फसल को नुकसान किया है. प्रशासन के मुताबिक, बारिश से फसलें, घर और सड़कें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. 1.86 लाख किसानों को फसल बर्बाद होने के चलते बहुत अधिक आर्थिक नुकसान हुआ है. वहीं, बारिश और बाढ़ की चपेट में आने से 28 मवेशी और 15,000 से ज्यादा मुर्गियों की मौत भी हुई है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, जिले के कर्माला तहसील में शांता बाई वाघ नाम की महिला की मौत भी हुई है. प्रशासन ने उनके परिवार को आर्थिक मदद सीधे बैंक खाते में भेज दी है. जिले के 91 राजस्व सर्कलों में से 43 में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है. कई इलाकों में 65 मिमी से अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई. उजनी और सीना नदियों से पानी छोड़े जाने के कारण कई जगह बाढ़ आ गई, जिससे खेतों में पानी भर गया और सड़क संपर्क भी टूट गया.
बारिश और बाढ़ से 276 घर क्षतिग्रस्त
जून से 18 सितंबर तक सोलापुर जिले में सालाना औसत बारिश का 95.95 फीसदी हिस्सा बरस चुका है. इस दौरान 448 गांवों में बाढ़ और बारिश से भारी नुकसान हुआ है. करीब 1.86 लाख किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं. बाढ़ का पानी 3,434 लोगों के घरों में घुस गया, जिससे 276 घर क्षतिग्रस्त हो गए. इसके अलावा 28 मवेशियों और 15,000 से ज्यादा मुर्गियों की मौत भी हुई है.
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तेजी से हो नुकसान का पंचनामा
संवेदनशील मंत्री जयकुमार गोरे ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि बारिश से हुए नुकसान का पंचनामा तेजी से पूरा किया जाए और रिपोर्ट जल्द से जल्द राज्य सरकार को भेजी जाए. उन्होंने कहा कि जहां भी 65 मिमी से ज्यादा बारिश हुई है, वहां नुकसान के आकलन में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए. अगर चूक होती है, तो उसके जिम्मेदार संबंधित एसडीओ होंगे. किसानों को मुआवजा देने में ई-केवाईसी की वजह से देरी नहीं होनी चाहिए. राशि सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर की जाए. मंत्री ने सोलापुर शहर में क्षतिग्रस्त मकानों का पंचनामा जल्द पूरा करने और ऐसी स्थिति दोबारा न हो, इसके लिए स्थायी समाधान सुझाने के निर्देश भी दिए. साथ ही, लोक निर्माण विभाग और जिला परिषद के अधिकारियों को ग्रामीण सड़कों और सरकारी इमारतों को हुए नुकसान का ब्यौरा तैयार करने को कहा गया है.