जब कभी बारिश होती है, तो हम उसे राहत की तरह देखते हैं, लेकिन कभी-कभी यही बारिश कहर बन जाती है. इस बार अप्रैल से जुलाई 2025 तक का मॉनसून ऐसा ही रहा. न सिर्फ इंसानों की जानें गईं, बल्कि लाखों किसान अपना सबकुछ गंवा बैठे. खेत बह गए, मवेशी मर गए और बिजली की गड़गड़ाहट डरावनी हकीकत में बदल गई. ऐसी ही एक रिपोर्ट ने देश को चौंका दिया है.
बिजली और बारिश से गई 1621 जानें, मरे 52,367 पशु
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में जो आंकड़े पेश किए, वे चौंकाने वाले हैं. अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच देशभर में बारिश और बिजली गिरने से 1621 लोगों की मौत हुई है. साथ ही 52,367 पशुओं की भी जान गई है, जो ग्रामीण भारत की आर्थिक रीढ़ होते हैं.
खेतों पर पड़ा कहर, 1.57 लाख हेक्टेयर फसल नष्ट
कई राज्यों में भारी बारिश और आकाशीय बिजली ने खेती पर भी गहरा असर डाला है. कुल मिलाकर 1,57,817 हेक्टेयर से ज्यादा खेतों की फसलें प्रभावित हुई हैं. इसमें धान, मक्का, सब्जियां और दलहन जैसी अहम फसलें शामिल हैं. कई किसानों की सालभर की मेहनत एक झटके में मिट्टी हो गई.
बिजली सुरक्षा परियोजना
इस संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने दस राज्यों के 50 बिजली-प्रवण जिलों में ‘बिजली सुरक्षा परियोजना’ के तहत 186.78 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. यह योजना आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, यूपी, एमपी, ओडिशा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मेघालय और पश्चिम बंगाल में लागू की जाएगी. इसका मकसद है इंसानों, पशुओं और बुनियादी ढांचे को बिजली से होने वाले नुकसान से बचाना. साथ ही रिसर्च, तकनीकी विकास और आत्मनिर्भरता बढ़ाना भी योजना का हिस्सा है.
अब देशभर में लगा नेटवर्क
पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान ने देशभर में 112 सेंसर लगाकर बिजली निगरानी नेटवर्क तैयार किया है. हर सेंसर 200-250 किमी के दायरे को कवर करता है. इससे अब बिजली गिरने की घटनाओं को समय रहते ट्रैक किया जा सकता है और अलर्ट जारी किए जा सकते हैं.
‘दामिनी’ एप से बिजली का अलर्ट
सरकार ने एक मोबाइल एप ‘दामिनी: बिजली अलर्ट’ भी लॉन्च किया है, जो आपके आसपास बिजली गिरने की संभावना को अलर्ट के जरिए बताता है. यह ऐप 20 से 40 वर्ग किलोमीटर के दायरे में बिजली की गतिविधियों की सटीक जानकारी देता है, जिससे समय रहते बचाव किया जा सके.
IMD की चेतावनी प्रणाली
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भी तूफान और बिजली के लिए मजबूत निगरानी और चेतावनी सिस्टम तैयार किया है.
- 102 ग्राउंड सेंसरों का नेटवर्क
- हर 6 घंटे में अपडेट होने वाले रंग-कोडित अलर्ट
- 3-5 दिन पहले तक चेतावनी जारी करने की क्षमता
- नाउकास्टिंग सिस्टम, जो हर तीन घंटे में उपग्रह, रडार और सेंसर डेटा के आधार पर पूर्वानुमान जारी करता है.