उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश नेहालात बिगाड़ दिए हैं. नदियां उफान पर हैं और कई जिलों में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है. गांवों से लेकर शहरों तक पानी भर गया है. हजारों हेक्टेयर खेती की जमीन जलमग्न हो चुकी है और लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद हालात पर नजर रखे हुए हैं और उन्होंने अधिकारियों को चौकन्ना रहने के निर्देश दिए हैं.
सीएम योगी ने दिए सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू करने के आदेश दिए हैं. उन्होंने प्रभारी मंत्रियों को अपने-अपने जिलों में मोर्चा संभालने को कहा है. साथ ही जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि वे भी जनता की मदद में आगे आएं. सीएम ने साफ कहा कि कोई भी व्यक्ति या मवेशी संकट में नहीं रहना चाहिए और सभी के लिए सुरक्षित ठिकाने, भोजन और दवाइयों का इंतजाम हो.
ढाई लाख लोग और 30 हजार मवेशी सुरक्षित
द स्टेट्समैन की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक प्रदेश की 37 तहसीलें और 688 गांव बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं. इनमें से करीब 2.5 लाख लोग और 30 हजार से ज्यादा मवेशी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जा चुके हैं. बाढ़ की चपेट में आने से लगभग 27,000 हेक्टेयर खेत पानी में डूब गए हैं.
प्रशासन ने 548 नावों और मोटरबोट्स की मदद से राहत सामग्री पहुंचाई है. अब तक 1,900 खाद्यान्न पैकेट और 11,000 से ज्यादा लंच पैकेट जरूरतमंदों तक पहुंचाए जा चुके हैं.
राहत शिविरों में ठहराए गए लोग
प्रदेश में फिलहाल 284 बाढ़ शरणालय सक्रिय हैं, जिनमें करीब 4,400 लोग रह रहे हैं. मेडिकल सुविधाओं को मजबूत करने के लिए 626 मेडिकल टीमें प्रभावित इलाकों में लगातार स्वास्थ्य जांच कर रही हैं. बीमारियों से बचाव के लिए हजारों क्लोरीन टैबलेट और ओआरएस पैकेट बांटे जा चुके हैं. वहीं 996 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं, जो 24 घंटे हालात पर नजर रखे हुए हैं.
सबसे ज्यादा प्रभावित जिले
बाढ़ का असर फिलहाल इन जिलों में सबसे ज्यादा है-बलिया, बहराइच, बदायूं, चंदौली, कानपुर नगर, हरदोई, फर्रुखाबाद, गोंडा, कासगंज, लखीमपुर खीरी, मेरठ, मीरजापुर, मुजफ्फरनगर, शाहजहांपुर, उन्नाव, प्रयागराज और वाराणसी. यहां कई गांव पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है.
क्यों बिगड़े हालात?
दरअसल, लगातार हो रही बारिश के चलते नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है. हिमालयी नदियां और उनकी सहायक धाराएं उफान पर हैं. वहीं, बांधों और बैराजों से छोड़े गए अतिरिक्त पानी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है. निचले इलाकों के गांव पूरी तरह पानी में डूब गए हैं और किसानों की खड़ी फसलें बर्बादी की कगार पर पहुंच गई हैं.
सरकार का ऐक्शन प्लान
राज्य सरकार ने दावा किया है कि प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता दी जा रही है. खाने-पीने का सामान, दवाइयां और पशुओं के लिए चारा लगातार भेजा जा रहा है. प्रशासनिक अधिकारी गांव-गांव का दौरा कर हालात की निगरानी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि “किसी भी हालत में कोई भी परिवार भूखा या बेसहारा नहीं रहना चाहिए.”
मौसम विभाग के मुताबिक, अगले कुछ दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है. अगर नदियों का जलस्तर और बढ़ा तो हालात और गंभीर हो सकते हैं. फिलहाल राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है, लेकिन चुनौती अभी भी बड़ी है.