सही गाय-भैंस चुनना बेहद जरूरी, छोटी-सी गलती डेयरी शुरू करने वालों को पहुंचा सकती है बड़ा नुकसान
How to Select Best Breeds for Cattle Farming: कई किसान बिना जांच-परख के पशु खरीद लेते हैं और बाद में दूध कम मिलने से बड़ा नुकसान झेलते हैं. विशेषज्ञ कहते हैं कि सही पशु की पहचान में ही डेयरी की सफलता छुपी है. शरीर का आकार, चाल, थन, उम्र और दूध क्षमता देखकर खरीदारी करें, तभी कम निवेश में भी ज्यादा मुनाफा संभव है.
Dairy Farming Business Tips: डेयरी शुरू करना हो या गाय-भैंस खरीदनी हो, सबसे बड़ा सवाल यही होता है-कौन-सी गाय ज्यादा दूध देगी और कौन-सी नुकसान कर देगी? बहुत से किसान बिना जानकारी के पशु खरीद लेते हैं, और बाद में पता चलता है कि दूध उतना नहीं मिलता जितनी उम्मीद थी. ऐसे में नुकसान सीधा जेब पर पड़ता है और मेहनत पर पानी फिर जाता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दुधारू गाय-भैंस की सही पहचान कर ली जाए तो किसान कम निवेश में भी बड़ी कमाई कर सकते हैं. इसलिए पशु खरीदते समय कुछ जरूरी बातों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है.
सही गाय-भैंस का चुनाव है फायदे की पहली सीढ़ी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डेयरी व्यवसाय की 70 फीसदी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आपने कैसा पशु खरीदा है. अगर गलत पशु चुन लिया तो दूध कम, खर्च ज्यादा और बीमारी का डर हमेशा बना रहता है. इसलिए किसानों को खरीदारी से पहले नस्ल, स्वास्थ्य, उम्र और दूध क्षमता सभी बातों की जांच करनी चाहिए. सही दुधारू गाय-भैंस की पहचान करने के लिए उसका शरीर संतुलित दिखाई देना चाहिए. सामने से देखने पर आगे का हिस्सा पतला और पीछे का हिस्सा चौड़ा दिखना चाहिए. यह संकेत है कि पशु की दूध उत्पादन क्षमता ज्यादा है.
चमकदार त्वचा, मजबूत पैर और स्वस्थ आंखें-सबसे जरूरी संकेत
दुधारू पशुओं में पैर मजबूत, चाल सीधी और त्वचा चिकनी व चमकदार होनी चाहिए. अगर त्वचा ढीली नजर आए या बाल रूखे दिखें तो समझ लें कि पशु पहले से ही कमजोर है. आंखें चमकीली और सतर्क होनी चाहिए. सुस्त आंखें किसी बीमारी या कमजोरी का संकेत देती हैं. थन भी अच्छी तरह विकसित होना चाहिए. दूध देने वाले पशु में थनों पर सीधी, उभरी हुई दुग्ध शिराएं साफ दिखाई देती हैं. दूध दोहन के बाद थन का सिकुड़ जाना भी अच्छी क्षमता का संकेत है.
कौन-सी उम्र का पशु खरीदना है सबसे फायदेमंद?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, किसान खरीदारी के समय दूसरे या तीसरे ब्यांत की गाय-भैंस चुनें. इस उम्र में पशु अपनी पूरी क्षमता से दूध देता है. सातवें ब्यांत तक पशु अच्छा प्रदर्शन करता रहता है. एक माह पहले ब्याई हुई मादा खरीदना सबसे बेहतर माना जाता है, क्योंकि इससे दूध क्षमता की वास्तविक जानकारी मिल जाती है. साथ ही, बच्चे के होने से भविष्य में बछड़ी/बछड़े का भी लाभ मिलता है. पशु की उम्र पहचानने के लिए दांत सबसे सटीक तरीका है. दांतों की संख्या और आकार देखकर उम्र का सही अंदाज लगाया जा सकता है.
दूध दिखाने की ट्रिक से सावधान-धोखाधड़ी न होने दें
अक्सर पशु बेचने वाले दूध दिखाने में कई तरह की चाल चल देते हैं. कई बार एक ही बार दूध दिखाया जाता है या फिर दूध ज्यादा दिखाने के लिए इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है. इससे बचने के लिए दूध दोहन लगातार तीन बार करवाना जरूरी है. इंजेक्शन का असर खत्म करने के लिए दोहन से आधा घंटा पहले निगरानी रखें. गर्भ जांच करवाना भी बहुत आवश्यक है. कई बार खाली या नकली गर्भ वाली गायें भी बेच दी जाती हैं. इसके लिए पशु को ढलान पर बैठाकर जांच की जाती है.
गलतियों से बचें-वरना भारी पड़ेगा नुकसान
कई बार गाय-भैंस को चमकदार दिखाने के लिए काले तेल का इस्तेमाल किया जाता है. बालों पर हाथ फेरकर इसकी पहचान आसानी से की जा सकती है. कुछ व्यापारी पशु के फूले अंगों में हवा भरकर उसे मोटा दिखाते हैं. ऐसे में उंगलियों से दबाकर जांच करें कि कहीं अंदर हवा तो नहीं भरी गई है. थनों में गांठ, सूजन, चोट या असमान आकार बीमारी का संकेत है. ऐसे पशु कभी न खरीदें. पशु खरीदते समय 3-4 दिन निगरानी रखना सबसे सुरक्षित तरीका है. अच्छी बात यह है कि सरकारी फार्म से मिलने वाले पशु का पूरा रिकॉर्ड मिलता है-कितना दूध देता है, कितनी बार ब्याई है, किस नस्ल का है, सब कुछ.
मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि सही चयन करने पर दूध उत्पादन 20-30 फीसदी तक बढ़ जाता है. इससे न सिर्फ किसान का खर्च कम होता है, बल्कि डेयरी का मुनाफा भी तेजी से बढ़ता है. अगर आप भी डेयरी शुरू करना चाहते हैं या गाय-भैंस खरीदने की सोच रहे हैं, तो बस इन बातों को ध्यान में रखें. सही चयन आपका लाखों का नुकसान बचा सकता है और कमाई कई गुना बढ़ा सकता है.