Mandi Bhav: 4 रुपये किलो रेट होते ही एक्शन में आई सरकार, अब किसानों से खुद खरीदेगी टमाटर

आंध्र प्रदेश में टमाटर की कीमतें गिरने से किसान संकट में हैं. उत्पादन लागत 7 रुपये होने पर भी मंडियों में सिर्फ 4 रुपये प्रति किलो मिल रहा है. सरकार किसानों से सीधे टमाटर खरीदकर रैतू बाजार में बेचने की योजना बना रही है, जिससे कीमतें स्थिर रहें और किसानों को उचित मूल्य मिले.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 8 Oct, 2025 | 03:11 PM

Tomato Price Fall: आंध्र प्रदेश के टमाटर किसान इन दिनों भारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. जहां बाजार में टमाटर 20 रुपये से 22 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, वहीं मदनपल्ले, अनंतपुर और चित्तूर जैसे इलाकों में किसानों को सिर्फ 4 रुपये प्रति किलो रेट ही मिल रहा है. ऐसे में किसान लागत का भी खर्च नहीं निकाल पा रहे हैं. ऐसे में टमाटर किसानों ने सरकारी से आर्थिक मदद की मांग की है. किसानों का कहना है कि अगर सरकार किसानों को घाटे से नहीं उबारती है, तो अन्नदाता अगले साल से टमाटर की खेती से दूरी बना लेंगे. हालांकि, अधिकारियनों का कहना है कि सरकार और कृषि विपणन विभाग ने फैसला लिया है कि वे किसानों से सीधे टमाटर खरीदकर रैतू बाजार (Rythu Bazaar) के जरिए उपभोक्ताओं को बेचेंगे.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में बारिश के बाद टमाटर की भारी पैदावार हुई, जिससे मंडियों में टमाटर की भरमार हो गई और अचानक दाम गिर गए. किसानों का कहना है कि उन्होंने अच्छी पैदावार की उम्मीद में बीज, खाद और ट्रांसपोर्ट पर काफी खर्च किया था, लेकिन अब उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. अनंतपुर के किसान के. रामू ने कहा कि हमने मेहनत से खेती की और फसल भी अच्छी हुई, लेकिन अब व्यापारी सिर्फ 4 रुपये प्रति किलो दे रहे हैं, जबकि लागत करीब 7 रुपये आती है.

शहरों में पांच गुना कीमत पर बिक रहा टमाटर

किसानों का आरोप है कि बिचौलिए इस स्थिति का फायदा उठा रहे हैं. उन्हें मजबूरी में टमाटर बेहद सस्ते दामों में बेचना पड़ रहा है, जबकि यही टमाटर शहरों में पांच गुना कीमत पर बिक रहा है. हालांकि, व्यापारियों ने मुनाफाखोरी के आरोपों से इनकार किया है. विजयवाड़ा के राजीव गांधी थोक मंडी के व्यापारी केश्रीनिवासुलु का कहना है कि ट्रांसपोर्ट और खराब होने की लागत काफी ज्यादा  होती है.

25 फीसदी टमाटर ट्रांसपोर्ट के दौरान खराब

एक व्यापारी ने कहा कि ट्रांसपोर्ट के दौरान करीब 25 फीसदी टमाटर खराब हो जाते हैं. लॉजिस्टिक्स मिलाकर उपभोक्ताओं तक टमाटर पहुंचाने में 18 रुपये प्रति किलो तक का खर्च आता है. इस संकट को देखते हुए राज्य सरकार और कृषि विपणन विभाग  ने फैसला लिया है कि वे किसानों से सीधे टमाटर खरीदकर रैतू बाजार (Rythu Bazaar) के जरिए उपभोक्ताओं को बेचेंगे. अधिकारियों का कहना है कि इस कदम से टमाटर के दाम स्थिर रहेंगे और किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलेगा. यह खरीद प्रक्रिया अगले 2-3 दिनों में शुरू होने की उम्मीद है. यानी आंध्र प्रदेश सरकार प्याज किसानों की तरह गिरती कीमतों से राहत देने के लिए टमाटर की भी खरीद करेगी.

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Published: 8 Oct, 2025 | 03:06 PM

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