Dairy Farming : गांवों में अक्सर कहा जाता है–पशु को प्यार और सही खुराक दो, दूध अपने आप बढ़ जाएगा. आज के समय में कई पशुपालक महंगे इंजेक्शन, दवाइयां और टॉनिक का सहारा ले रहे हैं, लेकिन कई बार ये उपाय उल्टा असर भी कर जाते हैं. ऐसे में देसी नुस्खे फिर से लोगों की पहली पसंद बन रहे हैं, क्योंकि ये सस्ते भी हैं और बिल्कुल सुरक्षित भी. अगर आप चाहते हैं कि आपकी गाय-भैंस रोज ज्यादा मात्रा में दूध दें, तो यह खबर आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है. आइए जानें वे घरेलू उपाय जिनसे दूध की मात्रा आसानी से बढ़ाई जा सकती है.
कम खर्च में ज्यादा फायदा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आजकल बाजार में कई तरह के पाउडर, टॉनिक और टीके मिल जाते हैं, जिन्हें दूध बढ़ाने का दावा किया जाता है. शुरू में ये असर दिखाते भी हैं, लेकिन बाद में पशु की सेहत पर विपरीत असर पड़ सकता है. ऐसे में देसी तरीके सबसे सुरक्षित माने जाते हैं. गांवों में लंबे समय से इस्तेमाल हो रहे ये नुस्खे आज भी उतने ही असरदार हैं क्योंकि ये प्राकृतिक चीजों से तैयार होते हैं. न तो इनसे कोई साइड इफेक्ट होता है और न ही जेब पर बोझ पड़ता है. खास बात यह है कि इन्हें बनाने में अधिक मेहनत भी नहीं लगती.
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दूध बढ़ाने के लिए जरूरी सामग्री
दूध बढ़ाने वाले इस देसी नुस्खे को बनाने के लिए बहुत ज्यादा सामान की जरूरत नहीं होती. जो चीजें चाहिए, वह लगभग हर घर में आसानी से मिल जाती हैं. सामग्री इस प्रकार है-
- 250 ग्राम गेहूं का दलिया
- 100 ग्राम गुड़ की आवटी (गुड़ सिरबत)
- 50 ग्राम मेथी
- 1 कच्चा नारियल
- 25 ग्राम जीरा
- 25 ग्राम अजवाइन
इन सभी चीजों में पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं. मेथी और दलिया से ताकत मिलती है, नारियल से शरीर में गर्मी और ऊर्जा मिलती है और जीरा-अजवाइन पाचन ठीक रखकर दूध बनने की प्रक्रिया को तेज करते हैं.
ऐसे तैयार करें देसी नुस्खा
नुस्खा बनाने की विधि बहुत ही सरल है. सबसे पहले दलिया, मेथी और गुड़ को एक साथ पका लें. जब मिश्रण थोड़ा मुलायम हो जाए, तब उसमें नारियल को बारीक पीसकर मिला दें. अब इसे ठंडा कर लें और पशु को खाली पेट खिलाएं. यह नुस्खा गाय को बच्चा देने से एक महीने पहले शुरू कर देना चाहिए और ब्याने के एक महीने बाद तक नियमित रूप से खिलाया जाए. जीरा और अजवाइन गाय के ब्याने के बाद केवल 3 दिन तक देना चाहिए. इससे पशु का पेट बिल्कुल साफ रहता है और पाचन भी दुरुस्त रहता है, जिससे दूध बनने की क्षमता तेजी से बढ़ती है. इस नुस्खे को सुबह खाली पेट देने से इसका असर कई गुना बढ़ जाता है. इसे लगातार दो महीने तक देने पर दूध में स्पष्ट बढ़ोतरी देखने को मिलती है.
गाय-भैंस के लिए घरेलू औषधि
एक दूसरी घरेलू औषधि भी बहुत असरदार मानी जाती है. इसके लिए चाहिए–
- 200 से 300 ग्राम सरसों का तेल
- 250 ग्राम गेहूं का आटा
दोनों को मिलाकर एक मुलायम मिश्रण तैयार कर लें. इसे शाम के समय चारा और पानी खाने के बाद खिलाएं. ध्यान रहे कि यह दवा खिलाने के बाद पशु को पानी बिल्कुल न दें, क्योंकि पानी देने पर खांसी हो सकती है. यह औषधि सात से आठ दिन लगातार देनी चाहिए. इससे गाय-भैंस के शरीर में ताकत बढ़ती है, थकान दूर होती है और दूध बनने की क्षमता भी तेज हो जाती है. इस दौरान हरा चारा और बिनौला सामान्य रूप से देते रहना चाहिए. यह मिश्रण पशु के शरीर के अंदर गर्मी पैदा करता है, जो दूध बनने की प्राकृतिक प्रक्रिया को मजबूत करता है.
दूध कम न हो इसके लिए जरूरी सावधानियां
कई बार पशु का दूध बच्चा बड़ा होने पर या मौसम बदलने पर कम हो जाता है. इसे रोकने के लिए छोटे-छोटे उपाय बहुत मदद करते हैं. अगर गाय का बच्चा लगभग 3 महीने का हो जाए या दूध कम होने लगे, तो उसे रोज़ 30 ग्राम जवस की औषधि खिलाएं. इससे दूध स्थिर रहता है और अचानक कम नहीं होता.
इसके अलावा ब्याने के 21 दिन तक पशु को सामान्य भोजन ही देना चाहिए. इस दौरान ज्यादा ठंडी या गैस बनाने वाली चीजें देने से बचना चाहिए. इन सब देसी उपायों को अपनाने से न केवल दूध बढ़ता है, बल्कि पशु की सेहत भी मजबूत होती है और उनकी उम्र भी बढ़ती है. यह तरीका सुरक्षित भी है और पूरी तरह घरेलू भी.