जम्‍मू कश्‍मीर बजट: कृषि के‍ लिए 815 करोड़ रुपये, 2.88 लोगों को रोजगार!

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को राज्य का बजट पेश किया. बजट में कृषि के लिए 815 करोड़ रुपये और पर्यटन विकास के लिए 390 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

Kisan India
Noida | Published: 7 Mar, 2025 | 03:29 PM

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को राज्य का बजट पेश किया. बजट में कृषि के लिए 815 करोड़ रुपये और पर्यटन विकास के लिए 390 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. बजट प्रस्तुति के दौरान, उन्होंने जोर देकर कहा कि क्षेत्र स्थायी शांति की राह पर है. यह पिछले सात वर्षों में किसी चुनी हुई सरकार की तरफ से बजट पेश किया गया है. उन्होंने जिक्र किया कि राज्य का जीएसटी अनुपालन बढ़ा है और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के साथ तालमेल बिठाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की.

बागवानी का होगा विस्‍तार

बजट में कृषि के लिए 815 करोड़ रुपए का आवंटन शामिल है. इससे 2.88 लाख रोजगार सृजित होंगे. राज्य दो-फसल पैटर्न को बढ़ावा देगा और बागवानी के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करेगा. सरकार ऊन प्रसंस्करण को बढ़ावा देने और चमड़ा उद्योग को बढ़ावा देने की भी योजना बना रही है. इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मदद मिलने की उम्मीद है. बजट में पर्यटन पर भी मुख्य ध्यान दिया जा रहा है. सरकार ने अनुमान लगाया है कि 2024 में 2.36 करोड़ पर्यटक आएंगे.

बागवानी है लाइफ लाइन

इससे पहले गुरुवार को राज्‍य के कृषि मंत्री जावीद अहमद डार ने विधानसभा में बताया था कि बागवानी क्षेत्र जम्मू और कश्मीर में 35 लाख लोगों के लिए लाइफलाइन बना हुआ है. यह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 7 लाख परिवारों को सहायता प्रदान करता है. सिरीगुफवारा-बिजबेहरा के विधायक डॉक्‍टर एस बशीर अहमद वीरी की तरफ से पूछे गए सवाल के जवाब में किया गया. उन्‍होंने बताया कि बागवानी उद्योग जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख चालक है जो रोजगार और राजस्व सृजन में महत्वपूर्ण योगदान देता है.

कोल्‍ड स्‍टोरेज जैसी सुविधाएं

मंत्री ने कहा कि इस क्षमता को साकार करने के लिए कई तरह की पहल की गई हैं. इसमें वृक्षारोपण योजना, कृषि खरीद सुधार और उन्‍नत कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं शामिल हैं. उन्‍होंने सदन को बताया गया कि 2016-17 में वृक्षारोपण योजना की शुरुआत के बाद से 663 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया गया है. साल 2024-25 के दौरान अतिरिक्त 173 हेक्टेयर को इस योजना के तहत लाया गया जिससे जनवरी 2025 तक कुल कवरेज 836 हेक्टेयर हो गया.

फलों-सब्जियों के बाजारों का नेटवर्क

उनका कहना था कि जम्मू-कश्मीर में फलों और सब्जियों के बाजारों का एक नेटवर्क स्थापित किया गया है. वर्तमान में 24 मंडियां चालू हैं. साथ ही 13 और विकसित की जा रही हैं. मंत्री ने कहा कि 17 मंडियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) पोर्टल के साथ इंटीग्रेट किया गया है. इससे इलेक्ट्रॉनिक लेन देन संभव हो गया है. इस प्लेटफॉर्म पर 50,000 से अधिक किसानों और व्यापारियों ने पंजीकरण कराया है, जिससे दक्षता और लाभप्रदता बढ़ी है. सदन को पिछले कुछ साल में बागवानी व्यापार के बारे में जानकारी दी गई.

नियंत्रित वातावरण वाले स्‍टोर

बताया गया कि 2021-22 में 1,748.56 क्विंटल का कारोबार हुआ, जिसका कारोबार 0.89 करोड़ रुपये रहा. साल 2022-23 में कारोबार की मात्रा बढ़कर 92,236.29 क्विंटल हो गई, जिसका कारोबार 32.72 करोड़ रुपये रहा. इस क्षेत्र में 2023-24 में उल्लेखनीय उछाल आया जिसमें 6,55,759.16 क्विंटल का कारोबार हुआ. इससे 416.08 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ. वर्ष 2024-25 तक व्यापार बढ़कर 9,43,464.20 क्विंटल हो गया. इससे कारोबार 594.17 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. सदन को बताया गया कि जम्मू-कश्मीर में फलों की फसलों के भंडारण की क्षमता बढ़ाने के लिए नौ नियंत्रित वातावरण (सीए) स्टोर जोड़े जा रहे हैं.

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