पंजाब में 1 जून से होगी धान की बुवाई, नमी की वजह से सरकार ने लिया फैसला

विशेषज्ञों का सुझाव है कि रोपाई के प्रोग्राम को पहले करने  से पराली जलाने में भी कमी आ सकती है क्योंकि इससे धान की कटाई और गेहूं या बाकी फसल की बुवाई के बीच का समय बढ़ जाता है.

Kisan India
Noida | Updated On: 31 Mar, 2025 | 02:19 PM

पंजाब की सरकार की तरफ से धान की बुवाई को लेकर एक बड़ा ऐलान किया गया है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि राज्य सरकार ने इस वर्ष धान की बुवाई एक जून से पहले करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि यह फैसला धान उत्पादक किसानों के हित को ध्‍यान में देखते हुए लिया गया है. उनका कहना था कि अक्टूबर में नमी बहुत ज्‍यादा होती है. इस वजह‍ से किसानों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ती है. उन्‍हें फसल बेचने में काफी दिक्‍कतें आती हैं.

चार जोन में बंटेगा राज्‍य

एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएम मान ने कहा कि राज्य में धान की फसल की जोनवार खेती की जाएगी. इसके लिए सरकार ने जरूरी योजना और व्यवस्था करनी शुरू कर दी है. उन्होंने कहा, ‘हमने 1 जून से धान की बुवाई शुरू करने का फैसला किया है. हम धान की रोपाई के लिए राज्यों को चार जोन में बांटेंगे.’ इससे पहले धान की रोपाई 10 जून के बाद शुरू होती थी. पंजाब चावल उत्‍पादन में एक बड़ा योगदान देता है. साल 2023 में पंजाब में 12,990 टन चावल का उत्‍पादन हुआ था. साल 2022 में यह आंकड़ा 12,890 टन था

नकली बीजों पर लगेगा नियंत्रण

उन्होंने कहा कि नकली बीजों की बिक्री पर रोक लगाना राज्य सरकार का कर्तव्य है. सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है. सीएम मान के हवाले से टाइम्‍स ऑफ इंडिया ने जानकारी दी है कि सरकार हाइब्रिड धान की किस्मों को रेगुलेट करेगी. उन्‍होंने गुणवत्‍ता का भरोसा देते हुए कहा कि सरकार की तरफ से सिर्फ प्रमाणित बीज का डिस्‍ट्रीब्‍यूशन किया जाएगा. विशेषज्ञों का सुझाव है कि रोपाई के प्रोग्राम को पहले करने  से पराली जलाने में भी कमी आ सकती है क्योंकि इससे धान की कटाई और गेहूं या बाकी फसल की बुवाई के बीच का समय बढ़ जाता है.

पानी की उपलब्‍धता सबसे अहम

ज्‍वॉइन्‍ट डायरेक्‍टर कृषि (बीज) गुरमेल सिंह के हवाले से अखबार ने कहा कि जिन 23 हाइब्रिड किस्मों को मंजूरी मिली है, उनमें से ही सिर्फ तीन से चार को ही आधिकारिक अनुमति दी है. पंजाब के कृषि निदेशक जसवंत सिंह ने इस बात की पुष्टि की है कि चार रोपाई क्षेत्र पानी की उपलब्धता के आधार पर निर्धारित किए जाएंगे. इसमें सीमित नहरी पानी की सप्लाई वाले जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी. इसके बाद एक ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी की जाएगी. उनका कहना था कि सरकार का यह कदम भूजल के संरक्षण और बिजली की मांग का प्रबंधन करने के लिए पंजाब की क्रमिक रोपाई की रणनीति के अनुरूप है.

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Published: 31 Mar, 2025 | 02:17 PM

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