ग्वालियर से बुंदेलखंड तक दुग्ध क्रांति की लहर, अब दूध बेचकर पाएं दोगुना लाभ

ग्वालियर, उज्जैन और बुंदेलखंड में दूध खरीदी दरों में वृद्धि से किसानों की आय बढ़ी है. एनडीडीबी के अधीन आने के बाद ग्वालियर दुग्ध संघ में सुधार हुए हैं, जिससे डेयरी उद्योग को नई दिशा मिली है.

नोएडा | Updated On: 6 Aug, 2025 | 10:27 AM

ग्वालियर, उज्जैन और बुंदेलखंड समेत मध्यप्रदेश के कई क्षेत्रों में दूध उत्पादकों के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है. ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ ने दूध खरीदी की दरों में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की है, जिससे न केवल किसानों की आय में इजाफा होगा बल्कि डेयरी उद्योग में नई ऊर्जा का संचार भी हो रहा है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के अधीन आने के बाद ग्वालियर दुग्ध संघ में कई बड़े सुधार हुए हैं, जिनका सीधा लाभ किसानों और उपभोक्ताओं को मिल रहा है.

दूध की दरों में 20 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी

मध्यप्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप, दुग्ध उत्पादक किसानों की आय को बढ़ावा देने के लिए ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ ने 1 अगस्त से दूध खरीदी की दर में 20 रुपये प्रति किलोग्राम फैट की वृद्धि की है. अब किसानों से दूध 820 रुपये प्रति किलोग्राम फैट की दर से खरीदा जा रहा है. यह फैसला उन हजारों दुग्ध उत्पादकों के लिए आर्थिक संबल प्रदान करेगा जो अपनी आजीविका इस क्षेत्र से चलाते हैं. यह बढ़ोतरी न केवल ग्वालियर बल्कि उज्जैन और बुंदेलखंड क्षेत्रों में भी लागू की गई है.

NDDB के प्रयासों से बढ़ा दूध का विक्रय

ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ को 13 अप्रैल को एनडीडीबी के अधीन किया गया था, जिसके बाद से संस्था में अनेक सकारात्मक बदलाव हुए हैं. मार्च 2025 में जहां दुग्ध विक्रय मात्र 11,838 लीटर प्रतिदिन था, वहीं अब यह बढ़कर 14,500 से 15,000 लीटर प्रतिदिन तक पहुंच गया है. इसी तरह दूध संकलन की मात्रा भी 8,721 किलोग्राम प्रतिदिन से बढ़कर 17,000 किलोग्राम प्रतिदिन हो गई है. इससे यह स्पष्ट है कि NDDB की रणनीतियों और प्रयासों का प्रत्यक्ष प्रभाव धरातल पर देखने को मिल रहा है.

समितियों की संख्या और भुगतान में सुधार

एनडीडीबी ने दूध संघ की संरचना को मजबूत बनाने के लिए दुग्ध समितियों की संख्या में भी भारी इजाफा किया गया है. मार्च माह में जहां केवल 67 समितियां कार्यरत थीं, अब यह संख्या बढ़कर 206 तक पहुंच गई है. इसके अलावा किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए एक सुव्यवस्थित भुगतान प्रणाली लागू की गई है. अब प्रत्येक माह की 5, 15 और 25 तारीख को 10-10 दिन के अंतराल पर किसानों को भुगतान किया जा रहा है. साथ ही शेष भुगतान को भी जल्द से जल्द निपटाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

क्वालिटी और ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान

दूध की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ग्वालियर दुग्ध संघ द्वारा शीत केंद्रों और संघ स्तर पर खरीदे गए दूध की बारीकी से जांच की जाती है. इससे उपभोक्ताओं को शुद्ध और उच्च गुणवत्ता का दूध प्राप्त हो रहा है. इसके साथ ही सांची हाथ बढ़ाओ अभियान के तहत ब्रांड प्रचार-प्रसार पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है. शहर में जगह-जगह केनोपी लगाकर, प्रचार माध्यमों के जरिये उपभोक्ताओं को सांची ब्रांड के दूध व अन्य उत्पादों की जानकारी दी जा रही है.

Published: 6 Aug, 2025 | 09:00 AM