पूरे देश में गेहूं खरीद 14 फीसदी बढ़ी पर पंजाब-हरियाणा में आई गिरावट, ये है बड़ी वजह

हरियाणा में भी इस बार गेहूं की खरीद कम रही. 15 मई तक कुल 70.8 लाख टन गेहूं खरीदा गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 71 लाख टन था. पूरे सीजन में 2023 में कुल खरीद 71.5 लाख टन रही थी.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 17 May, 2025 | 08:38 AM

पूरे देश में गेहूं खरीद 14 फीसदी से अधिक रही, लेकिन पंजाब और हरियाणा में इस साल गेहूं की सरकारी खरीद पिछले साल की तुलना में कम रही. इसकी वजह यह है कि इस बार प्राइवेट व्यापारी और प्रोसेसिंग कंपनियों ने ज्यादा गेहूं खरीदा और किसानों ने भी अपनी फसल रोककर रखी है. किसान उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में गेहूं के दाम बढ़ सकते हैं. इसके अलावा भारत-पाकिस्तान तनाव को लेकर भी अनिश्चितता बनी हुई है. बाकी राज्यों में गेहूं की खरीद अभी जारी है.

पंजाब में इस बार कुल 1.193 करोड़ टन गेहूं की खरीद हुई, जो पिछले साल 15 मई तक हुई 1.235 करोड़ टन से करीब 3.4 फीसदी कम है. पिछले साल कुल खरीद 1.247 करोड़ टन थी. राज्य सरकार ने इस बार अच्छी फसल को देखते हुए केंद्र सरकार को लगभग 1.24 करोड़ टन खरीद का अनुमान दिया था. रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष नरेश घई ने कहा कि इस बार प्राइवेट प्रोसेसरों ने करीब 5 लाख टन ज्यादा गेहूं खरीदा है. उन्होंने कहा कि पहले उन्हें गेहूं नहीं मिल रहा था और वे पूरी तरह से सरकारी नीलामी पर निर्भर थे. मिल मालिक आमतौर पर 6 से 9 महीने का स्टॉक रखते हैं, क्योंकि ज्यादा स्टॉक रखने से उनका पैसा फंस जाता है.

किसान कर रहे गेहूं का स्टॉक

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, कई आढ़तियों और स्टॉकिस्टों ने किसानों को एडवांस में अच्छी रकम दी है ताकि वे गेहूं रोक कर रखें. बाद में ये व्यापारी यह गेहूं खरीदने का वादा कर चुके हैं. इसी वजह से मंडियों में गेहूं की आवक कम रही. पंजाब के एक बॉर्डर जिले के किसान ने कहा कि हमने अपने सालभर के जरूरत के गेहूं को रखकर बाकी सारा बेच दिया. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जिन किसानों के पास भंडारण की सुविधा है, वे कुछ आढ़तियों के लिए भी गेहूं स्टोर करके रखे हुए हैं.

खुले बाजार में गेहूं की नीलामी

खुले बाजार बिक्री योजना (OMSS) 2024-25 के तहत भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने गेहूं 2,800 रुपये प्रति क्विंटल के रेट पर बेचा, जबकि पूरे देश में औसतन रिजर्व प्राइस 2,464 रुपये प्रति क्विंटल था. पंजाब और कुछ अन्य राज्यों में तो बोली 3,100 रुपये प्रति क्विंटल से भी ऊपर चली गई, क्योंकि वहां गेहूं की कमी थी. हर राउंड की नीलामी में लगभग 100 फीसदी बिक्री हुई.

पंजाब-हरियाणा में गेहूं खरीद के आंकड़े

हरियाणा में भी इस बार गेहूं की खरीद कम रही. 15 मई तक कुल 70.8 लाख टन गेहूं खरीदा गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 71 लाख टन था. पूरे सीजन में 2023 में कुल खरीद 71.5 लाख टन रही थी. इस साल राज्य सरकार ने केंद्र से 75 लाख टन खरीद का लक्ष्य तय किया था. दिलचस्प बात यह है कि पंजाब को छोड़कर बाकी पांच बड़े गेहूं उत्पादक राज्यों की मंडियों में इस साल 15 मार्च से 15 मई के बीच गेहूं की आवक 26 फीसदी ज्यादा रही. इस दौरान कुल 1.918 करोड़ टन गेहूं आया, जो पिछले साल के मुकाबले काफी ज्यादा है. खासकर मध्य प्रदेश और राजस्थान में सरकारी खरीद केंद्रों पर गेहूं की अच्छी आवक दर्ज की गई.

देश में गेहूं खरीद बढ़ी

पूरे देश में अब तक 2.946 करोड़ टन गेहूं की खरीद हो चुकी है, जो पिछले साल की 2.576 करोड़ टन से 14.4 फीसदी ज्यादा है. इस बढ़ोतरी की बड़ी वजह मध्य प्रदेश और राजस्थान में ज्यादा खरीद है, जहां राज्य सरकारें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,425 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर बोनस दे रही हैं. हालांकि, रोजाना की खरीद अब घटने लगी है. 21 अप्रैल को जहां एक दिन में लगभग 15 लाख टन की खरीद हुई थी, वहीं 14 मई को यह घटकर 94,860 टन और 15 मई को 1.04 लाख टन रह गई.

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Published: 17 May, 2025 | 08:05 AM

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