सही नस्ल का चुनाव, जबरदस्त कमाई, दूध उत्पादन से पाएं लाखों की आमदनी

आप भी चाहते हैं कि आपकी भैंस दूध की नदी बहाए, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है.

Kisan India
नोएडा | Published: 4 Aug, 2025 | 01:55 PM

आज के समय में किसान केवल खेती तक ही सीमित नहीं रह गए हैं. अब वे खेती के साथ-साथ पशुपालन और खासकर दूध उत्पादन से भी अच्छी कमाई कर रहे हैं. लेकिन इस काम में सफलता तभी मिलती है, जब सही नस्ल के जानवरों को पाला जाए. बहुत से किसान भाई जानकारी के अभाव में भैंसों की गलत नस्लों का चुनाव कर बैठते हैं, जिससे उन्हें दूध कम मिलता है और मुनाफा भी घट जाता है.

अगर आप भी दूध के व्यवसाय को आगे बढ़ाना चाहते हैं और चाहते हैं कि आपकी भैंस दूध की नदी बहाए, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है. यहां हम आपको बताएंगे ऐसी भैंसों की नस्लों के बारे में जो अपने उच्च दूध उत्पादन के लिए देशभर में मशहूर हैं.

मुर्रा भैंस

जब भी सबसे ज्यादा दूध देने वाली भैंस की बात होती है, तो मुर्रा नस्ल का नाम सबसे पहले आता है. इसे काला सोना भी कहा जाता है, क्योंकि यह किसानों के लिए कमाई का मजबूत जरिया बनती है.

रंग:- गहरा काला

पहचान:- छोटे और घुमावदार सींग, भारी शरीर

दूध उत्पादन:– प्रतिदिन 15 से 20 लीटर तक

दूध में फैट:- अधिक मात्रा में, जिससे घी और मलाई जैसे उत्पाद बेहतर बनते हैं. यदि आप डेयरी व्यवसाय में बड़ा कदम रखना चाहते हैं, तो मुर्रा भैंस एक बेहतरीन शुरुआत हो सकती है.

नीली रावी

नीली रावी भैंस पंजाब के सतलुज नदी क्षेत्र में पाई जाती है और अपने शांत स्वभाव व अच्छे दूध उत्पादन के लिए जानी जाती है.

रंग:- भूरा शरीर, सफेद धब्बे

विशेषता:- नीली आंखें, शांत व्यवहार

दूध उत्पादन:- प्रतिदिन 16-17 लीटर

फायदे:- बीमारी से कम ग्रसित होती हैं, पालन में आसान, यह नस्ल उन किसानों के लिए बेहतरीन है जो कम मेंटेनेंस में ज्यादा उत्पादन चाहते हैं.

जाफराबादी भैंस

गुजरात के गिर और सौराष्ट्र क्षेत्र में पाई जाने वाली यह नस्ल अपने मजबूत शरीर और ज्यादा फैट वाले दूध के लिए मशहूर है.

पहचान:- चौड़ा माथा, बड़े घुमावदार सींग

दूध उत्पादन:- प्रतिदिन 10-12 लीटर

दूध उपयोग:- फैट ज्यादा होने से पनीर, घी, मलाई के लिए बढ़िया, जाफराबादी भैंसें मजबूत और बीमारियों से लड़ने में सक्षम होती हैं, जिससे किसान को अधिक देखभाल की जरूरत नहीं पड़ती.

महसाना भैंस

मुर्रा और सुरती नस्लों को मिलाकर बनाई गई महसाना भैंस गुजरात के महसाना जिले की देन है. यह अपनी लंबी दुग्ध अवधि के लिए जानी जाती है.

दूध उत्पादन:- प्रतिदिन 12-14 लीटर

खासियत:- लंबे समय तक दूध देने की क्षमता

स्वभाव:- शांत और पालन में सरल. अगर आप चाहते हैं कि आपकी भैंस लंबे समय तक अच्छा दूध देती रहे, तो महसाना नस्ल आपके लिए उत्तम है.

दूध का धंधा:- मेहनत, नस्ल और देखभाल से होगा फायदा. भैंस की सिर्फ अच्छी नस्ल चुनना ही काफी नहीं है, बल्कि उन्हें सही खाना, साफ-सफाई, समय पर टीकाकरण और प्यार भरा पालन देना भी जरूरी है. सही देखभाल और पोषण देने से भैंसों की दूध देने की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है.

दूध का व्यवसाय अब केवल खेती का सहायक काम नहीं रहा, बल्कि यह अपने आप में एक लाभदायक कारोबार बन गया है. आज के समय में बाजार में अच्छे दूध और डेयरी उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में यदि किसान सही नस्लें चुनें और उन्हें अच्छी तरह पालें, तो वे दूध से सुनहरा भविष्य बना सकते हैं.

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Published: 4 Aug, 2025 | 01:55 PM

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

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