सरकार की सख्ती का असर- रसोई तेल हुआ सस्ता, कंपनियों ने घटाए दाम

सरकार ने तेल कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे तुरंत कीमतों में कटौती करें और हर हफ्ते अपनी कीमतों की जानकारी विभाग को दें. मंत्रालय ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर कोई कंपनी कीमतों में कटौती नहीं करती या लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचाती, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

नई दिल्ली | Published: 19 Jun, 2025 | 11:12 AM

पिछले कुछ महीनों में खाने के तेल की कीमतों में लगातार उछाल देखा जा रहा था, उसे कम करने के लिए अब सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. केंद्र सरकार ने कच्चे खाने के तेल पर लगने वाले आयात शुल्क को आधा कर दिया है, जिससे अब तेल कंपनियों ने अपने एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) और डिस्ट्रीब्यूटर प्राइस (PTD) में कटौती की है. इस कदम से आम उपभोक्ताओं को जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद है.

तेल कंपनियों ने घटाई कीमतें

मई के अंत में केंद्र ने कच्चे खाने के तेल पर लगने वाले बेसिक कस्टम ड्यूटी को 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया था. इसके बाद से अधिकांश तेल रिफाइनरियों और कंपनियों ने अपने अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) और वितरकों को मिलने वाली कीमत (PTD) कम कर दी है. कई कंपनियों ने यह भी भरोसा दिया है कि आने वाले दिनों में जब वे सस्ते कच्चे तेल की खेप प्राप्त करेंगी, तो कीमतों में और कटौती की जाएगी.

सरकार की नजर कीमतों पर

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के अधिकारियों ने महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे प्रमुख तेल उत्पादन राज्यों में रिफाइनरियों का निरीक्षण किया. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना था कि कस्टम ड्यूटी में कटौती का फायदा सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचे. अधिकारियों ने पाया कि अधिकतर कंपनियां पहले ही कीमतें कम कर चुकी हैं और आगे भी कटौती की योजना बना रही हैं.

महंगाई पर नियंत्रण की कोशिश

तेल और वसा की खुदरा महंगाई मई 2025 में 17.91 प्रतिशत तक पहुंच गई थी, जो पिछले साल इसी महीने में -6.71 प्रतिशत थी. खासकर नारियल तेल और रिफाइंड तेल की कीमतों में तेज वृद्धि देखी गई थी. इस बढ़ती महंगाई को रोकने के लिए सरकार ने यह नीति बनाई है. खाद्य मंत्रालय ने कहा है कि यह कदम महंगाई को काबू में रखने और आवश्यक वस्तुओं की किफायती उपलब्धता सुनिश्चित करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है.

उपभोक्ताओं को जल्द मिलेगी राहत

सरकार ने तेल कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे तुरंत कीमतों में कटौती करें और हर हफ्ते अपनी कीमतों की जानकारी विभाग को दें. इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और उपभोक्ताओं को वास्तविक लाभ मिलेगा. मंत्रालय ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर कोई कंपनी कीमतों में कटौती नहीं करती या लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचाती, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.