राजस्थान सरकार के पशुपालन विभाग ने पशुओं के स्वास्थ्य को लेकर लगातार सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं. हाल ही में बांसवाड़ा जिले की गढ़ी तहसील के बेड़वा ढाणी एवं खेड़ा ढाणी गांवों में उष्ट्र रोग एवं निदान शिविर का आयोजन किया गया. इस शिविर में ऊंटों की स्वास्थ्य जांच, रोगों की पहचान, रोकथाम और उपचार जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं मुफ्त प्रदान की गईं. सरकार की इस पहल से क्षेत्र के ऊंट पालक किसानों को काफी राहत मिली और उन्हें अपने पशुओं के स्वास्थ्य की समुचित जानकारी प्राप्त हुई.
शिविर में हुआ ऊंटों का संपूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण
शिविर में पशुपालन विभाग की विशेषज्ञ टीम दर्जनों ऊंटों की विस्तार से स्वास्थ्य जांच की गई. ऊंटों में त्वचा संबंधी रोग, पाचन तंत्र की समस्याएं, पैर और मुंह की बीमारियां जैसी आम परेशानियों का परीक्षण किया गया. इस दौरान पशु चिकित्सकों ने प्रत्येक ऊंट का बारीकी से निरीक्षण कर उनके मालिकों को उचित देखभाल और पौष्टिक आहार संबंधी सलाह दी. जिन ऊंटों में प्रारंभिक लक्षण पाए गए, उन्हें तत्काल उपचार भी प्रदान किया गया.
पशुपालन विभाग द्वारा उष्ट्र रोग एवं निदान शिविर बेड़वा ढाणी एवं खेड़ा ढाणी तहसील गढ़ी जिला बांसवाड़ा में आयोजन किया गया, जिसमें ऊँटों के स्वास्थ्य परीक्षण, रोगों की रोकथाम एवं उपचार संबंधी सेवाएं प्रदान की गईं।
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— Department of Animal Husbandry Rajasthan (@rajanimalhus) August 4, 2025
रोगों की रोकथाम के लिए टीकाकरण और दवा वितरण
शिविर के दौरान ऊंटों को कई आवश्यक बीमारियों से बचाव के लिए टीके लगाए गए. इनमें खासकर गलघोंटू, खुरपका-मुंहपका जैसी संक्रामक बीमारियों से संबंधित टीकाकरण शामिल रहा. इसके अतिरिक्त पशुपालकों को आवश्यक दवाइयां भी वितरित की गईं, जिनमें कीड़ों की दवाएं, टॉनिक और प्राथमिक उपचार किट शामिल थी. शिविर में मौजूद विशेषज्ञों ने बताया कि समय पर टीकाकरण और सही दवा से ऊंटों को बड़ी बीमारियों से बचाया जा सकता है.
पशुपालकों को दी गई जागरूकता और प्रशिक्षण
शिविर का एक अहम उद्देश्य ऊंट पालकों को जागरूक करना भी रहा. विशेषज्ञों ने पशुपालकों को ऊंटों के खान-पान, स्वच्छता, नियमित स्वास्थ्य परीक्षण और समय पर टीकाकरण के महत्व की जानकारी दी. उन्हें बताया गया कि बरसात के मौसम में ऊंटों को किन बीमारियों का खतरा रहता है और उनसे कैसे बचाव किया जा सकता है. पशुपालकों ने इस जानकारी को बेहद उपयोगी बताया और भविष्य में ऐसे शिविरों की निरंतर आवश्यकता पर बल दिया.
सरकार की पहल से ग्रामीण क्षेत्र के पशुपालकों को मिला लाभ
राज्य सरकार द्वारा आयोजित इस शिविर से गढ़ी तहसील के सैकड़ों पशुपालकों को सीधा लाभ मिला. वे अपने ऊंटों का मुफ्त इलाज करवा सके और नई जानकारियां प्राप्त कर सके. ग्रामीणों ने पशुपालन विभाग के इस प्रयास की सराहना की और धन्यवाद व्यक्त किया. सरकार का उद्देश्य केवल इलाज नहीं, बल्कि पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाना भी है, ताकि वे खुद अपने पशुओं की देखभाल बेहतर तरीके से कर सकें.
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