दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा देश, इस योजना से बदल जाएगा खेती करने का तरीका

केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन (NMNF) राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों की योजनाओं के आधार पर लागू किया जा रहा है. अब तक 623 जिलों में 17,639 प्राकृतिक खेती क्लस्टर बनाए जा चुके हैं और 8.79 लाख किसानों को प्रशिक्षण  दिया जा चुका है.

नोएडा | Published: 6 Dec, 2025 | 01:19 PM

Agriculture News: कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा है कि सरकार ने अक्टूबर 2025 में ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ नाम की एक नई केंद्रीय योजना शुरू की है. इसका लक्ष्य छह साल (2025-26 से 2030-31) में 11,440 करोड़ रुपये के बजट के साथ देश को दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है. इस मिशन में खास तौर पर तुअर, उड़द और मसूर की पैदावार बढ़ाने पर जोर दिया गया है. मिशन के तहत किसानों को जलवायु-अनुकूल बीज उपलब्ध कराना, दलहन की खेती का क्षेत्र बढ़ाना और फसल कटाई के बाद भंडारण व प्रबंधन तकनीक को मजबूत करना शामिल है. इसके अलावा, अगले चार वर्षों तक नेफेड और एनसीसीएफ द्वारा तुअर, उड़द और मसूर की गारंटीड खरीद का भी समर्थन किया जाएगा, जिससे किसानों को सही दाम मिल सके.

मंत्री रामनाथ ठाकुर ने कहा है कि इस मिशन का उद्देश्य कम उपयोग वाली जमीन में दलहन की खेती  बढ़ाना, समग्र भूमि उत्पादकता में सुधार करना, बेहतर फसल चक्र अपनाना और मिट्टी की सेहत को सुधारना है. सरकार का लक्ष्य है कि साल 2030-31 तक देश का कुल दलहन उत्पादन 350 लाख टन तक पहुंच जाए और देश पूरी तरह दलहन में आत्मनिर्भर बन सके.

क्या है कृषि विस्तार उप-मिशन

उन्होंने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग कृषि विस्तार उप-मिशन (SMAE) नाम की केंद्रीय प्रायोजित योजना भी चला रहा है. इसका उद्देश्य कृषि तकनीक  और नई जानकारियां सीधे किसानों तक पहुंचाने के लिए जिले स्तर पर एटीएमए (कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी) जैसी संस्थाओं को मजबूत करना है. इस व्यवस्था के जरिए किसानों को प्रशिक्षण दिया जाता है और खेती में सुधार लाने वाली नई तकनीकें अपनाने में मदद की जाती है, ताकि विस्तार प्रणाली पूरी तरह किसान-केंद्रित बन सके.

8.79 लाख किसानों को मिला प्रशिक्षण

साथ ही केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन (NMNF) राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों की योजनाओं के आधार पर लागू किया जा रहा है. अब तक 623 जिलों में 17,639 प्राकृतिक खेती क्लस्टर बनाए जा चुके हैं और 8.79 लाख किसानों को प्रशिक्षण  दिया जा चुका है. मिशन के दिशा-निर्देशों के अनुसार, कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों (CRP), कृषि सखियों और किसानों को मॉडल प्रदर्शन फार्म पर ऑन-फील्ड प्रशिक्षण देंगे. इसमें प्राकृतिक खेती की स्थानीय तकनीकें, बीजामृत, जीवामृत, नीमास्त्र जैसे इनपुट तैयार करना शामिल है. उनके मुताबिक, प्राकृतिक खेती के उत्पादों के लिए मार्केट लिंकेज बढ़ाने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए, राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक कृषि केंद्र (NCOF), गाजियाबाद ने PGS-India Natural नाम से ऑनलाइन प्रमाणन प्रणाली (NFCS) बनाई है. इससे प्राकृतिक खेती करने वाले किसान ऑनलाइन पंजीकरण और प्रमाणन ले सकते हैं.

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