बागवानी फसलों में कीट प्रबंधन के लिए सब्सिडी मिलेगी, आम-अमरूद पर पैसा दे रही सरकार

बिहार सरकार ने बागवानी फसलों में कीट प्रबंधन के लिए नई योजना शुरू की है. आम, लीची, अमरूद, केला और पपीता जैसी फसलों पर छिड़काव के लिए किसानों को 75 फीसदी तक सब्सिडी मिलेगी.

धीरज पांडेय
नोएडा | Updated On: 10 Jun, 2025 | 11:22 AM

बिहार सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और बागवानी फसलों की उत्पादकता सुधारने के लिए नई योजना शुरू की है. वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने ‘बगीचों एवं फसलों में कीट प्रबंधन योजना’ को मंजूरी दी है. इसके तहत आम, लीची, अमरूद, केला और पपीता जैसी फसलों में लगने वाले कीटों और रोगों से बचाव के लिए किसानों को भारी सब्सिडी दी जाएगी.

इस योजना में किसानों को छिड़काव के लिए 75 फीसदी तक अनुदान मिलेगा. योजना के तहत छिड़काव की सुविधा सरकार द्वारा अधिकृत सेवा प्रदाताओं के माध्यम से ही दी जाएगी.

आम- अमरूद पर 75 फीसदी सब्सिडी

उप मुख्यमंत्री और सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि आम के पेड़ पर कीट और फल गिरने की समस्या को खत्म करने के लिए पहले छिड़काव पर 57 रुपये प्रति वृक्ष और दूसरे छिड़काव पर 72 रुपये प्रति वृक्ष की दर से 75 फीसदी दी जाएगी. किसान इस योजना के तहत 112 पेड़ों तक छिड़काव का लाभ उठा सकता है. जबकि, अमरूद की फसल के लिए पहले छिड़काव पर 33 रुपये और दूसरे पर 45 रुपये प्रति पेड़ की दर से 75 फीसदी तक अनुदान दिया जाएगा, जिसमें अधिकतम 56 पेड़ों पर लाभ मिलेगा.

केला और पपीता पर 50 फीसदी सब्सिडी

केला और पपीता की खेती करने वाले किसानों के लिए भी खास इंतजाम किए गए हैं. इस योजना के तहत पहले छिड़काव पर 50 फीसदी या 2150 रुपये प्रति एकड़ और दूसरे छिड़काव पर 50 फीसदी या 2000 रुपये प्रति एकड़ तक की सब्सिडी मिलेगी.

लीची पर प्रति वृक्ष सब्सिडी मिलेगी

लीची के लिए पहले छिड़काव पर 162 रुपये और दूसरे पर 114 रुपये प्रति वृक्ष सब्सिडी मिलेगी, जिसमें एक किसान 84 पेड़ों पर यह सुविधा प्राप्त कर सकेगा.

सरकार के इस योजना से  न सिर्फ किसानों को कीट और रोगों से लड़ने में मदद मिलेगी, बल्कि  उनके फल उत्पादन की क्वालिटी और मात्रा में सुधार होगा.

लाभ लेने के लिए डीबीटी पोर्टल पर करना होगा  आवेदन

किसानों को योजना का लाभ पाने के लिए डीबीटी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. योजना में पारदर्शिता और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए छिड़काव सेवा प्रदाताओं को विशेष मानकों का पालन करना होगा.

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना राज्य सरकार की किसानों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है और इससे बागवानी क्षेत्र को मजबूती मिलेगी. उनका मानना है कि इससे किसानों की आय में वृद्धि भी होगी और वे कीट नियंत्रण से जुड़ी समस्याओं से राहत पाएंगे.

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Published: 10 Jun, 2025 | 11:21 AM

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