Crop Insurance: तमिलनाडु के मदुरै और रामनाथपुरम जिलों के किसानों ने सरकार से फसल बीमा पंजीकरण की अंतिम तारीख 15 नवंबर से आगे बढ़ाने की मांग की है. किसानों का कहना है कि हाल के वर्षों में खराब मौसम से बार-बार फसल नुकसान हुआ है और अब अधिक किसान बीमा योजना में शामिल होना चाहते हैं. रामनाथपुरम में अब तक सांबा सीजन में 1,04,843 हेक्टेयर धान फसल की पुष्टि की गई है, जिसमें से 36,889 हेक्टेयर क्षेत्र को इस साल फसल बीमा के तहत पंजीकृत किया गया है. हालांकि, पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा सिर्फ 11,660 हेक्टेयर था.
वहीं, मदुरै में 6,524 हेक्टेयर में धान की बुआई हुई है, जिनमें से 410 हेक्टेयर को बीमा योजना में शामिल किया गया है, जबकि पिछले साल यह केवल 70 हेक्टेयर था. थिरुवादनई के किसान एम. गवास्कर ने केंद्र सरकार से बीमा पंजीकरण की तारीख कुछ दिनों के लिए बढ़ाने की अपील की. उन्होंने कहा कि कई किसान अभी आवेदन की प्रक्रिया में हैं. पिछले नुकसान को देखते हुए इस बार सभी बीमा करवाना चाहते हैं.
किसानों को सही मुआवजा दिया जाए
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि, कुछ किसान संगठनों ने मुआवजा और मूल्यांकन में गड़बड़ियों की शिकायत की है. तमिलनाडु वैगई इरिगेशन फार्मर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एमएस के बक्कियानाथन ने बताया कि कमुथी क्षेत्र के कई किसानों को फसल नुकसान के बावजूद मुआवजा नहीं मिला. उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि नुकसान के आकलन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए और किसानों को सही मुआवजा दिया जाए.
इस बार पंजीकरण में अच्छी बढ़ोतरी हुई है
मदुरै में किसान इस बार फसल बीमा योजना में खास दिलचस्पी दिखा रहे हैं. पिछले सीजन में कीट हमले और फसल खराब होने के कारण अब कई किसान बीमा को जरूरी सुरक्षा मान रहे हैं. किसान एम. जयाराचगन ने कहा कि पिछले नुकसान के अनुभव से इस बार ज्यादातर किसान बीमा को प्राथमिकता दे रहे हैं. कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस बार पंजीकरण में अच्छी बढ़ोतरी हुई है, हालांकि जागरूकता की कमी अभी भी एक चुनौती है.
कई किसान अभी भी योजना के फायदों से अनजान हैं
अधिकारियों का कहना है कि कई किसान अभी भी योजना के फायदों से अनजान हैं, इसलिए विभाग समय सीमा से पहले जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगा. चूंकि 15 नवंबर की अंतिम तारीख करीब है. इसलिए किसान संगठनों ने सरकार से थोड़ी और मोहलत देने की मांग की है, ताकि इस सांबा सीजन में ज्यादा से ज्यादा किसान फसल बीमा का लाभ ले सकें.