तमिलनाडु सरकार ने मंगलवार को मैंगो प्रोसेसिंग कंपनियों से आग्रह किया कि वे किसानों से बंगलूरा किस्म का आम पल्प बनाने के लिए खरीदें और इसके बदले उन्हें उचित दाम दें. साथ ही, सरकार ने कंपनियों से तुरंत पल्प उत्पादन शुरू करने को भी कहा है. यह कदम इसलिए अहम है क्योंकि इस साल तमिलनाडु के कई हिस्सों में आम किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों की शिकायत है कि उन्हें उनके आमों का सही दाम नहीं मिल रहा है.
सरकारी बयान के मुताबिक, कृषि सचिव वी दक्षिणामूर्ति ने आम पल्प बनाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में यह अनुरोध किया. बयान में कहा गया है कि कुछ कंपनियों ने पल्प उत्पादन शुरू भी कर दिया है. बैठक में प्रोसेसिंग कंपनियों ने कहा कि पिछले साल के बचे हुए पल्प का स्टॉक अभी भी बहुत ज्यादा है, इसलिए मांग कम है.
20 जून के बाद शुरू होगी आम की खरीद
इसके अलावा इस साल आम की पैदावार भी ज्यादा है, जिससे किसानों को अच्छा दाम देना मुश्किल हो गया है. हालांकि कंपनियों ने भरोसा दिलाया कि 20 जून के बाद, जब आमों में मिठास (TSS) का स्तर 20 फीसदी ब्रिक्स तक पहुंच जाएगा, तब वे किसानों से आम खरीदना शुरू कर देंगी.
किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहे
तमिलनाडु में इस साल आम काफी सस्ता हो गया है. किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. बीते दिनों खबर सामने आई थी कि मदुरै जिले में आम का मंडी रेट 4 रुपये किलो हो गया है. मंडी रेट कम होने के चलते किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है, जबकि, इस बार अच्छी पैदावार हुई है. ऐसे में किसान अब सरकार से उचित दाम पर खरीद और मुआवजे की मांग कर रहे थे.
कीमतों में भारी गिरावट
वहीं, किसानों का कहना था कि इस साल व्यापारी आम खरीदने के लिए सिर्फ 4 रुपये प्रति किलो देने को तैयार हैं, जबकि पिछले साल यही दाम 25 रुपये प्रति किलो था. ऐसे में कीमतों में इतनी बड़ी गिरावट से किसान भारी संकट में आ गए हैं. उन्होंने कहा कि हमें सुनने में आया है कि जो बड़ी कॉरपोरेट कंपनियां आम की खास किस्म ‘किझीमूकु’ को जूस और अन्य उत्पादों के लिए खरीदती थीं. उन्होंने इस बार खरीद से मना कर दिया है. इसी वजह से व्यापारी भी अच्छे दाम देने से इनकार कर रहे हैं.