केंद्र सरकार ने जीएसटी दरों में बदलाव करते हुए कई वस्तुओं पर टैक्स हटा दिया है तो वहीं कई वस्तुओं को कम जीएसटी दर में शामिल किया है. प्रॉसेस्ड एग्री प्रोडक्ट पर जीएसटी हटा दिया गया है और मॉडर्न मशीनों से खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि यंत्रों पर लागू जीएसटी दर को कम कर दिया है. ऐसे में खेती को लाभ पहुंचने और किसानों को सस्ते कृषि यंत्र मिलने की बात कही जा रही है. वहीं, कृषि उत्पादन और उपज क्वालिटी में सुधार के साथ किसानों की कमाई बढ़ने की संभावनाओं पर बल दिया जा रहा है. संयुक्त किसान मंच ने कहा है कि सरकार के जीएसटी सुधारों से एग्रीकल्चर सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा. एग्रीकल्चर सेक्टर की कंपनी आर्या.एजी के को-फाउंडर ने कहा कि ताजा बदलावों से खेती में आधुनिक उपकरणों के अधिक उपयोग को प्रोत्साहन मिलेगा, जो किसानों और खेती के लिए लाभकारी होगा.
जीएसटी दरों पर सरकार ने क्या नया किया
जीएसटी परिषद ने दैनिक उपयोग की कई वस्तुओं पर दरों में कटौती को सर्वसम्मति से मंजूरी दी है. इससे अधिकांश वस्तुएं और सेवाएं सस्ती हो जाएंगी. परिषद ने इनडायरेक्ट टैक्स रिजीम को 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी की चार स्तरीय ढांचे से सरल बनाकर अब केवल 5 फीसदी और 18 फीसदी की दो स्तरीय ढांचे में बदल बदल दिया है. तंबाकू और विलासिता की वस्तुओं सहित चुनिंदा वस्तुओं के लिए 40 फीसदी का एक अतिरिक्त जीएसटी स्लैब पेश किया गया है. नई दरें इस महीने की 22 तारीख से लागू होंगी.
किसानों और कृषि को समर्थन देने के प्रयास में सरकार ने जीएसटी दरों में उल्लेखनीय कमी की है. इससे किसानों का वित्तीय बोझ कम होगा, ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा और आवश्यक कृषि उपकरणों की लागत कम होगी. प्रॉसेस्ड उत्पादों में दूध, रोटी, पिज्जा ब्रेड समेत कई अन्य वस्तुएं से जीएसटी पूरी तरह हटा दी गई है और 22 सितंबर से इन वस्तुओं पर कोई भी टैक्स नहीं लगेगा.
“कृषि यंत्र जैसे ट्रैक्टर, वानिकी-बागवानी मशीन, हार्वेस्टिंग और थ्रैशिंग मशीन , कंपोस्टिंग मशीन इत्यादि अब #GST दरों की 12% श्रेणी से 5% श्रेणी में आएंगे।
12 निर्दिष्ट जैव-कीटनाशकों और प्राकृतिक मेन्थॉल पर जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। किसानों द्वारा उपयोग किए जाने… pic.twitter.com/JWIfCagByi
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) September 3, 2025
किसानों को राहत मिलने की उम्मीद – संयुक्त किसान मंच
हिमाचल प्रदेश में सक्रिय संयुक्त किसान मंच ने जीएसटी काउंसिल की ओर से कृषि बागवानी उपकरणों और कृषि संबंधी वस्तुओं पर जीएसटी स्लैब को घटाकर 5 फीसदी किए जाने का स्वागत किया है. संयुक्त किसान मंच हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष हरीश चौहान ने कहा कि प्रदेश के किसानों और बागवानों के इस्तेमाल किए जाने वाले अधिकतर उपकरणों, मशीनों और विभिन्न फर्टिलाइजर में जीएसटी दर 18 फीसदी और 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है.
उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से सामान्य फसलें उगाने वाले किसान और बागवानी फसल करने वाले किसानों को काफी राहत मिलेगी. पॉवर टिलर, ट्रैक्टर, हैप्पी सीडर जैसे जुताई-बुवाई में काम आने वाले कृषि यंत्रों पर टैक्स कम देना होगा तो इनकी कीमत भी घट जाएगी. वहीं, स्मार्ट फार्मिंग में आने वाले उपकरणों जैसे सिंचाई में इस्तेमाल होने वाले इरीगेशन सिस्टम, स्प्रिंकलर सिस्टम भी सस्ते हो जाएंगे. किसानों के बीच इन उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ेगा जो लागत घटाएगा और उत्पादन बढ़ाने में मदद करेगा.
खेती में उपकरणों के इस्तेमाल को प्रोत्साहन मिलेगा
एग्रीकल्चर में ट्रेडिंग, स्टोरेज और फाइनेंस सुविधाएं देने वाली कंपनी Arya.ag के को-फाउंडर और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आनंद चंद्रा ने जीएसटी दरों में बदलाव को स्वागत योग्य कदम बताया है. उन्होंने कहा कि यह बदलाव किसानों को सीधी राहत देते हैं. मशीनरी, ट्रैक्टर और एग्री इनपुट पर कम जीएसटी जरूरी उपकरणों को अधिक किफायती बनाता है और किसानों को अपनी आय का अधिक हिस्सा सुरक्षित रखने में मदद करता है. विशेष रूप से छोटे किसानों के लिए यह बदलाव शुरुआती लागत को कम करके आधुनिक उपकरणों के अधिक इस्तेमाल को प्रोत्साहित करके वास्तविक अंतर ला सकता है.
उन्होंने कहा कि हम देश भर के किसानों के साथ काम करते हैं और देखते हैं कि लागत इंफ्रास्ट्रक्चर में छोटे बदलाव कैसे निर्णय लेने को प्रभावित कर सकते हैं जब इनपुट की सही कीमत तय होती है और आय की संभावना बढ़ती है तो किसान अपने खेतों में निवेश करने के लिए अधिक आश्वस्त होते हैं. यह आत्मविश्वास उत्पादकता और टिकाऊ कमाई के बेहतर रिजल्ट में योगदान देता है.
छूट का लाभ किसानों को मिले इसे पक्का करना जरूरी होगा
उन्होंने कहा कि सरकार का जीएसटी बदलावों का यह कदम बड़े स्तर पर एग्रीकल्चर इकोसिस्टम को भी सपोर्ट करता है. यह खेती को अधिक व्यवहार्य और आसाना बनाता है, ग्रामीण मांग को मजबूत करता है और किसानों की सर्विस बिजनेस के लिए अधिक बेहतर अनुमानित स्तिथियां बनाता है. उन्होंने कहा कि हालांकि अब यह पक्का करना अहम होगा कि जागरूकता अंतिम छोर तक पहुंचे ताकि सभी क्षेत्रों के किसान इन बदलावों का लाभ उठा सकें.
कृषि यंत्र सस्ते मिलेंगे इस पर आश्वस्त नहीं हैं ट्रैक्टर एसोसिएशन के चेयरमैन
ट्रैक्टर मार्केट दिल्ली में भोलाराम मार्केट ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन चंद्रभूषण गुप्ता ने किसान इंडिया को बताया कि ट्रैक्टर के कुछ पार्ट को 18 फीसदी जीएसटी दर से हटाकर 5 फीसदी की स्लैब में लाया गया है. उन्होंने बताया कि सारे ट्रैक्टर पार्ट के 5 फीसदी आइटम्स पर ही जीएसटी घटाई गई है. इससे किसान को फायदा नहीं मिल पाएगा, क्योंकि कंपनियां सरकार की ओर से बचत की रकम को खा जाती हैं. सरकार तो कीमतें घटाने के लिए 13 फीसदी जीएसटी घटाई है, लेकिन कंपनियां इस बचत की चोरी करती हैं और किसान या कंज्यूमर को कम कीमत का फायदा नहीं देती हैं.
उन्होंने कहा कि कंपनियों की चोरी पहले भी देखी जा चुकी है जब जब एक्साइज जोन थे और छूट दी गई थी तब भी कंपनी वाले एक्साइज चोरी करके खा चुके हैं. उन्होंने कहा कि 22 सितंबर के बाद जीएसटी बदलावों की पूरी लिस्ट आने पर असलियत खुलेगी कि कंज्यूमर या किसान को ट्रैक्टर या अन्य उपकरण खरीद पर कितना फायदा मिलने वाला है.