India Rice Conference 2025: आने वाले हफ्ते में भारत की राजधानी दिल्ली एक ऐतिहासिक आयोजन की गवाह बनेगी. यहां होने जा रहा है भारत इंटरनेशनल राइस कॉन्फ्रेंस (BIRC) 2025, जो 30 और 31 अक्टूबर को भारत मंडपम, प्रगति मैदान में आयोजित होगी. यह कॉन्फ्रेंस सिर्फ एक व्यापारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारत के बढ़ते कृषि सामर्थ्य और तकनीकी नवाचारों की झलक पेश करेगी. इस दो दिवसीय आयोजन में दुनिया के 170 से ज्यादा देशों की भागीदारी होगी और उम्मीद है कि इससे करीब 2 लाख करोड़ रुपये तक का व्यापार और 25,000 करोड़ रुपये के निर्यात समझौते तय होंगे.
भारत बनेगा दुनिया के चावल व्यापार का ‘दिल’
भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा चावल उत्पादक और निर्यातक देश है. देश के किसान हर साल 170 से अधिक देशों को चावल निर्यात करते हैं, जिससे भारत न केवल आर्थिक रूप से, बल्कि वैश्विक खाद्य सुरक्षा में भी अहम भूमिका निभा रहा है.
भारतीय राइस एक्सपोर्टर्स फेडरेशन के उपाध्यक्ष देव गर्ग का कहना है कि इस कॉन्फ्रेंस में देश के हर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपनी खास चावल किस्में और पारंपरिक अनाज दुनिया के सामने पेश करेंगे.
उन्होंने कहा, “भारत सिर्फ चावल बेचने वाला देश नहीं रहा, बल्कि अब हम खाद्य नवाचार और स्थायी कृषि के प्रतीक बन रहे हैं. यह कॉन्फ्रेंस किसानों, निर्यातकों, नीतिनिर्माताओं और विदेशी खरीदारों के बीच नए रिश्ते बनाने का मंच बनेगी.”
पहली बार दिखेगा भारत का एआई-आधारित ‘स्मार्ट राइस सॉर्टर’
BIRC 2025 की सबसे खास बात होगी, भारत का पहला एआई-आधारित राइस सॉर्टिंग सिस्टम. यह मशीन कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और बिग डेटा से संचालित होगी, जो एक ही समय में चावल के दानों का रंग, आकार और बनावट जांचकर उन्हें सटीक रूप से छांट सकेगी.
इस तकनीक से किसानों और मिल मालिकों को बहुत फायदा होगा क्योंकि यह कम समय में ज्यादा काम करेगी, बिजली की बचत करेगी और मानव श्रम की जरूरत घटाएगी. गर्ग ने बताया कि यह भारत के एग्रीटेक क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम साबित होगा, जो आने वाले समय में कृषि प्रसंस्करण को पूरी तरह बदल देगा.
महिला उद्यमियों और स्टार्टअप्स को भी मिलेगा मंच
कॉन्फ्रेंस में एक खास महिला उद्यमी और स्टार्टअप पवेलियन भी होगा, जहां कृषि से जुड़ी नई तकनीकें, बीज सुधार, पैकेजिंग, ब्रांडिंग और ब्लॉकचेन आधारित व्यापार प्रणाली को प्रदर्शित किया जाएगा.
यहां महिला उद्यमियों को अपने उत्पादों को वैश्विक बाजार से जोड़ने और निवेशकों से मिलने का मौका मिलेगा. साथ ही, लाइव डेमो और मेंटरशिप सेशन से नए स्टार्टअप्स को दिशा मिलेगी कि वे कैसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार में कदम रख सकते हैं.
भारत की नई सोच: टिकाऊ और संतुलित व्यापार
भारत अब सिर्फ उत्पादन बढ़ाने पर नहीं, बल्कि सतत विकास और नवाचार पर ध्यान दे रहा है. देव गर्ग कहते हैं, “हम चाहते हैं कि भारतीय चावल सिर्फ सबसे ज्यादा बिकने वाला नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे भरोसेमंद चावल बने. हमारे किसान, वैज्ञानिक और निर्यातक मिलकर यह सुनिश्चित करें कि खेती लाभदायक भी हो और पर्यावरण के अनुकूल भी.”