गन्ना किसानों का आंदोलन सफल, सरकार गन्ना मूल्य बढ़ोत्तरी पर राजी हुई.. राहुल गांधी की बड़ी भूमिका!

उत्तरी कर्नाटक के बेलगावी के गोकक कस्बे से शुरू हुए आंदोलन के 9 दिन बाद किसानों को सफलता मिली है. मूल्य बढ़ोत्तरी पर राज्य सरकार राजी हो गई है. कल दोपहर बाद बैठक में नतीजा नहीं निकलने पर आंदोलनकारी उग्र हो गए थे, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे. कहा जा रहा है कि राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद राज्य सरकार किसानों के आगे झुक गई है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 8 Nov, 2025 | 01:27 PM

कर्नाटक के गन्ना किसानों का आंदोलन सफल हो गया है. राज्य सरकार और किसानों, चीनी मिलों के बीच हुई बातचीत में 3300 रुपये प्रति टन मूल्य भुगतान पर सहमति बन गई है. किसानों ने मूल्य बढ़ोत्तरी पर खुशी जताते हुए कहा कि उनका आंदोलन सफल हुआ है. इस मौके पर किसानों ने जमकर आतिशबाजी की और डीजे की धुन पर खूब डांस किया. कुछ किसानों ने कहा कि राहुल गांधी किसानों से प्यार करते हैं और उनके कहने पर कर्नाटक की राज्य सरकार ने मूल्य बढ़ोत्तरी का फैसला रातोंरात किया है.

गन्ना किसानों ने सरकार की बात मान आंदोलन खत्म किया

उत्तरी कर्नाटक के बेलगावी के गोकक कस्बे से शुरू हुए आंदोलन के 9 दिन बाद किसानों को सफलता मिली है. मूल्य बढ़ोत्तरी पर राज्य सरकार राजी हो गई है. बता दें कि बीते दिन दोहपर बाद राज्य सरकार की चीनी मिल मालिकों और किसान नेताओं के साथ अलग-अलग बैठक हुई थी, जो देर रात तक रुक-रुककर जारी रही. इसके बाद राज्य सरकार ने किसानों की मांग को मान लिया और 3300 रुपये प्रति टन दाम देने की मंजूरी दी. हालांकि, किसान 3500 रुपये प्रति टन गन्ना मूल्य की मांग पर अड़े हुए थे, लेकिन किसानों ने सरकार की बात मानते हुए 3200 दाम पर सहमत हो गए और आंदोलन खत्म करने की घोषणा कर दी.

राहुल गांधी के किसान समर्थक होने के दावे को राज्य सरकार ने सही साबित किया

कांग्रेस समर्थक शांतनु ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि जब राहुल गांधी कहते हैं कि हम किसानों के साथ हैं, तो उनका मतलब यही होता है! कर्नाटक में गन्ना किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, उन पर लाठीचार्ज करने और उन्हें ‘शहरी नक्सली’ या ‘आतंकवादी’ कहने के बजाय कांग्रेस सरकार ने उनकी 3300 रुपये प्रति टन की मांग मान ली है. कांग्रेस किसानों से प्यार करती है. वहीं, यह भी कहा गया है कि आंदोलन के उग्र रूप लेने के चलते और किसान समर्थक होने का राहुल गांधी का दावा करने को सही साबित करने का दबाव राज्य की कांग्रेस सरकार पर था. बिहार विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस गठबंधन ने किसानों के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं. ऐसे में राहुल गांधी के और पार्टी के विचारों को सही साबित करने के लिए राज्य सरकार किसानों के आगे झुक गई और उनकी मूल्य बढ़ोत्तरी की मांग मान ली.

किसानों को मूल्य भुगतान के लिए ये फॉर्मूला लागू

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने किसान प्रतिनिधियों और चीनी मिल मालिकों के साथ सात घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में यह समाधान निकाला. नए भुगतान फार्मूले के तहत चीनी मिलें किसानों को 3,250 रुपये प्रति टन का भुगतान करेंगी, जबकि राज्य सरकार 50 रुपये प्रति टन की सब्सिडी किसानों को देगी. इस तरह किसानों को 3300 रुपये प्रति टन का मूल्य मिलेगा.

बेलगावी में कल पथराव के बाद तनाव बढ़ गया था

3500 रुपये प्रति टन गन्ने की खरीद मूल्य की मांग को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान बीते दिन शुक्रवार को बेलगावी जिले के एक हिस्से में उस वक्त तनाव फैल हो गया, जब कुछ उपद्रवियों ने कथित तौर पर पथराव शुरू कर दिया. पथराव में कुछ पुलिस कर्मियों के घायल होने की बात कही गई. पुलिस के अनुसार हुक्केरी तालुक में हट्टर्गी टोल के पास हुई घटना में कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए और कुछ वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. पुलिस अनुसार पुणे-बेंगलुरु राजमार्ग को बंद करने की कोशिश कर रहे कुछ प्रदर्शनकारियों को पुलिस हटा रही थी, तभी कुछ उपद्रवियों ने कथित तौर पर पुलिसकर्मियों और वाहनों पर पथराव किया.

किसानों को समझाया – कर्नाटक के मंत्री

गन्ने की कीमतों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ सांसदों, मंत्रियों के साथ बैठक पर कर्नाटक के मंत्री शरणप्रकाश पाटिल ने कल बैठक के बाद मीडिया से कहा कि कुछ मांगें हैं जिन्हें भारत सरकार को पूरा करना होगा, क्योंकि आप देख रहे हैं कि FRP और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भारत सरकार तय करती है. इसमें भारत सरकार की बड़ी भूमिका है, लेकिन राज्य सरकार निश्चित रूप से इस मुद्दे को सुलझाने में सक्रिय भूमिका निभाएगी. मिल मालिकों और किसानों के साथ भी बातचीत चल रही है. हम किसानों को भी समझाने की कोशिश करेंगे.

सांसद ने कहा था बातचीत का नतीजा सकारात्मक रहेगा

किसानों और चीनी मिल मालिकों के साथ कर्नाटक सरकार की बैठक का हिस्सा रहे भाजपा सांसद लहर सिंह सिरोया ने एएनआई से बातचीत में कल कहा था कि किसानों और सरकार के साथ बातचीत जारी है. हम चीनी मिल मालिकों और किसानों के साथ बातचीत कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि बैठक के नतीजे सकारात्मक होंगे.

किसान कितना गन्ना मूल्य मांग रहे थे और सरकार कितना दे रही थी

किसान 8 दिनों से गन्ना मूल्य को बढ़ाकर 3500 रुपये टन करने की मांग कर रहे थे. चीनी मिलों ने 3200 रुपये प्रति टन देने की पेशकश की है, जिसे किसानों ने ठुकरा दिया था. किसानों ने आरोप लगाया था कि चीनी मिलों पर 2700 रुपये प्रति टन का भाव उन्हें दिया जा रहा है. जबकि, केंद्र की ओर से तय चीनी रिकवरी दर पर 3550 रुपये प्रति टन एफआरपी तय किया गया है.

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Published: 8 Nov, 2025 | 01:04 PM

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