मध्य प्रदेश के इंदौर में लहसुन का रेट बढ़ने के बजाए कम हो रहा है. 25 अगस्त को इंदौर की मंडियों में लहसुन मैक्सिमम रेट 7600 रुपये क्विंटल दर्ज किया गया. वहीं, मॉडल प्राइस 2000 रुपये क्विंटल रहा. लेकिन इसके अगले दिन 26 अगस्त को लहसुन का रेट बढ़ने क बजाए कम हो गया. मंगलवार को इंदौर में लहसुन का मंडी रेट 5690 रुपये क्विंटल दर्ज किया गया. यानी महज 24 घंटे में ही इंदौर में लहसुन के रेट 1910 रुपये क्विंटल की कमी आई है, जो 25.13 फीसदी की कमी को दर्शाता है. ऐसे में मंडी लहसुन बेचने आए किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा.
Agmarknet के आंकड़ों के मुताबिक, 23 अगस्त को इंदौर की मंडी में FAQ क्वालिटी के लहसुन का मिनिमम रेट 600 रुपये क्विंटल था. जबकि मैक्सिमम प्राइस 8210 रुपये क्विंटल दर्ज किया गया. इस दिन मंडी आए किसानों ने लहसुन बेचकर जबरदस्त कमाई की. वहीं, 22 अगस्त को लहसुन का रेट 7010 रुपये क्विंटल दर्ज किया गया था. यानी 22 अगस्त के मुकाबले 23 अगस्त को लहसुन का रेट महंगा हो गया. लेकिन 26 अगस्त आते-आते इसका रेट 6000 क्विंटल रुपये से भी कम हो गया.
कीतम में आ सकती है गिरावट
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, वहीं इंदौर में सब्जियों के दाम घटने की वजह से आसपास के इलाकों की कोल्ड चेन में रखी गई सब्जियों की निकासी लगभग एक महीने देर से शुरू हुई है. किसान उम्मीद कर रहे हैं कि त्योहारों के मौसम में दाम फिर से बढ़ेंगे, इसलिए वे फिलहाल स्टॉक नहीं निकाल रहे हैं. आमतौर पर कोल्ड चेन से सब्जियां जून में निकालना शुरू हो जाती हैं, लेकिन इस साल ये प्रक्रिया जुलाई में शुरू हुई. कोल्ड चेन एसोसिएशन के अनुसार, इस देरी से किसानों और व्यापारियों को नुकसान होने की आशंका है क्योंकि उन्होंने स्टॉक स्टोर कर रखा है.
कोल्ड चेन से स्टॉक की निकासी शुरू
इंदौर क्षेत्र में कोल्ड चेन में सबसे ज्यादा आलू रखा जाता है, जिसकी कीमत अब 12-13 रुपये प्रति किलो है, जबकि स्टोरेज के समय यह 15-16 रुपये प्रति किलो थी. इंदौर कोल्ड चेन एसोसिएशन के अध्यक्ष हसमुख गांधी ने कहा कि कोल्ड चेन से स्टॉक की निकासी शुरू हो गई है. आलू, चना, चुकंदर और गाजर जैसी सब्जियां निकाली जा रही हैं. हालांकि, निकासी की रफ्तार धीमी है और इसमें करीब एक महीने की देरी हुई है क्योंकि इस बार बाजार में सब्जियों के दाम कम थे.
40 फीसदी स्टॉक ही निकाला गया
उन्होंने आगे कहा कि इस साल कोल्ड चेन की ऑक्यूपेंसी भी ज्यादा थी, लगभग 90 फीसदी तक, इसलिए स्टॉक निकालने में समय लग रहा है. कोल्ड चेन मालिकों के मुताबिक, अब तक इंदौर की कोल्ड चेनों से करीब 40 फीसदी स्टॉक ही निकाला गया है. आलू, गाजर और चुकंदर कोल्ड चेन में रखी जाने वाली मुख्य सब्जियां हैं, जिनमें सबसे ज्यादा जगह आलू लेता है, खासकर इंदौर क्षेत्र में. इस बार इंदौर और उज्जैन क्षेत्र की कोल्ड चेनों में करीब 90 फीसदी तक स्टोरेज रहा, क्योंकि बागवानी फसलों का उत्पादन ज्यादा हुआ.