प्याज की सरकारी बिक्री पर बढ़ा आक्रोश, इस नेता ने दी सरकार को खुली चुनौती.. लासलगांव में 1280 रुपये क्विंटल रेट

घरेलू बाजार में प्याज बेचने के फैसले की आलोचना महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संघ के अध्यक्ष भारत दिघोले ने भी की है. उनका कहना है कि केंद्र सरकार को प्याज के निर्यात पर सब्सिडी देनी चाहिए और जो प्याज खरीदा गया है, उसे विदेश भेजा जाना चाहिए.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 12 Sep, 2025 | 03:46 PM

Maharashtra News: महाराष्ट्र में प्याज किसानों में नाराजगी देखने को मिल रही है, क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा खरीदी गई प्याज अब सस्ती दरों पर खुले बाजार में बेची जा रही है. इससे किसानों को नुकसान हो सकता है. रायत क्रांती संघटना के नेता दीपक पगार ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने यह सिलसिला जारी रखा, तो वे सरकारी प्याज ले जा रहे ट्रकों को आग लगा देंगे. पगार ने कहा कि सरकार ने प्याज किसानों की मदद के लिए खरीदी थी, लेकिन अगर वही प्याज फिर से बाजार में लाई जाती है, तो इसका कोई मतलब नहीं रह जाता. फिलहाल लासलगांव मंडी में प्याज की कीमत 1,280 से 1,360 रुपये प्रति क्विंटल चल रही है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक बयान में उन्होंने कहा कि सरकार की यह कार्रवाई प्याज की थोक कीमतें गिरा देगी. उन्होंने यह भी कहा कि इस दाम पर हमें हमारी लागत भी नहीं मिल रही है. सरकारी एजेंसियों की प्याज ले जा रही गाड़ियों को रोकने की धमकी देते हुए दीपक पगार ने कहा कि सरकार को यह प्याज पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) के जरिए गरीबों में बांट देना चाहिए, या फिर इसे समंदर में फेंक दे. अगर इस प्याज को खुले बाजार में बेचने की कोशिश की गई, तो हम इसका जोरदार विरोध करेंगे.

सरकार की नीतियों से अलग राय

रायत क्रांती संघटना के नेता और सांगली के किसान नेता सदाभाऊ खोत ने हाल ही में सरकार की नीतियों से अलग बात कही. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में 2015 में बना पशु संरक्षण कानून, जो गाय, बैल और बैलड़ों के काटने पर रोक लगाता है, किसानों के हित में नहीं है. सदाभाऊ खोत ने गौरक्षकों पर भी आरोप लगाया कि ये लोग कई बार किसानों से जबरन वसूली करते हैं.

24 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज की बिक्री

इस साल की शुरुआत में केंद्र सरकार ने नेफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) के जरिए रबी सीजन की प्याज खरीदी थी, ताकि बाजार को स्थिर रखा जा सके. लेकिन पिछले हफ्ते सरकार ने कुछ शहरों में 24 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज की खुदरा बिक्री शुरू कर दी. यह कदम इसलिए उठाया गया, ताकि आम लोगों को सस्ती दरों पर प्याज मिल सके और सरकार के भंडार से प्याज धीरे-धीरे बाजार में उतारा जा सके.

भारत दिघोले ने सरकार से की ये मांग

हालांकि, घरेलू बाजार में प्याज बेचने के फैसले की आलोचना महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संघ के अध्यक्ष भारत दिघोले ने भी की है. उनका कहना है कि केंद्र सरकार को प्याज के निर्यात पर सब्सिडी देनी चाहिए और जो प्याज खरीदा गया है, उसे विदेश भेजा जाना चाहिए. भारत दिघोले ने कहा कि हमने अपने सभी सदस्यों से कहा है कि वे अपने चुने हुए जनप्रतिनिधियों को फोन करें और प्याज पर सब्सिडी की मांग करें. उन्होंने यह भी मांग की कि जिन किसानों को प्याज के गिरते दामों के कारण नुकसान हुआ है, उन्हें भी सरकार मुआवजे या सब्सिडी दे.

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Published: 12 Sep, 2025 | 03:44 PM

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