भारत की रसोई में दाल और तेल की अहमियत किसी से छुपी नहीं है. लेकिन यह भी सच है कि आज भी देश को बड़ी मात्रा में दालें और खाद्य तेल विदेशों से मंगवाने पड़ते हैं. इसी स्थिति को बदलने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अहम कदम उठाया है. यूपी सरकार ने खेती को आत्मनिर्भर और मुनाफेदार बनाने के लिए “विकसित कृषि संकल्प अभियान” की शुरुआत की है. इसके तहत किसानों को दलहन और तिलहन फसलों के मिनीकिट यानी बीजों के छोटे सेट बिलकुल मुफ्त दिए जा रहे हैं, ताकि किसान इन फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित हों.
कितने और कौन-कौन से बीज मिलेंगे?
सरकार ने पूरे उत्तर प्रदेश में 4 लाख 58 हजार बीजों के मिनीकिट मुफ्त में बांटने का फैसला लिया है. इन मिनीकिट्स में प्रमुख रूप से 1.05 लाख किट उर्द, मूंग और अरहर जैसी दलहन फसलों के लिए हैं, 1 लाख किट तिल की खेती के लिए और 6 हजार किट मूंगफली के बीजों के रूप में वितरित की जाएंगी. इस पहल का मकसद है कि छोटे और सीमांत किसानों को नई फसलें उगाने का अवसर मिले, जिससे न केवल उनकी आमदनी बढ़ेगी, बल्कि प्रदेश में दलहन-तिलहन की कुल पैदावार में भी बढ़ोतरी हो सकेगी.
एमएसपी में बड़ा फायदा
सरकार सिर्फ किसानों को मुफ्त बीज देकर ही नहीं रुक रही, बल्कि उनकी फसलों का मूल्य भी लगातार बढ़ा रही है. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बीते दस वर्षों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है. उदाहरण के तौर पर, नाइजर सीड की एमएसपी में 172 फीसदी, तिल की कीमत में 119 फीसदी, अरहर में 86 फीसदी, और मूंगफली में 82 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसका सीधा फायदा किसानों को मिलेगा, क्योंकि अब उन्हें अपनी मेहनत का बेहतर और वाजिब दाम बाजार में मिलने की उम्मीद है. इससे खेती को मुनाफे का जरिया बनाने की दिशा में एक मजबूत आधार तैयार हो रहा है.
किसानों को क्यों मिलेगा फायदा?
सरकार की योजनाओं से किसानों को कई स्तरों पर फायदा होने जा रहा है. सबसे पहली बात, किसानों को बिना किसी खर्च के उच्च गुणवत्ता वाले बीज मिलेंगे, जिससे वे बेहतर पैदावार हासिल कर सकेंगे. इसके साथ ही, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में हो रही बढ़ोतरी से उन्हें अपनी फसलों का अधिक मुनाफा मिलेगा.
इसके अलावा, “एक जिला, एक उत्पाद (ODOP)” योजना में दलहन फसलों को शामिल किया गया है, जिससे इनकी खेती को प्रोत्साहन मिलेगा और क्षेत्रीय स्तर पर पहचान भी बनेगी. वहीं, “दलहन ग्राम योजना” और विश्वबैंक की सहायता से चल रही यूपी एग्रीज योजना जैसे प्रयास, खासकर बुंदेलखंड और पूर्वांचल जैसे पिछड़े क्षेत्रों में खेती के विकास की संभावनाओं को और मजबूत कर रहे हैं. इन योजनाओं का उद्देश्य है कि किसान आत्मनिर्भर बनें और खेती को एक सफल व्यवसाय के रूप में अपनाएं.
यूपी में बढ़ रहा है उत्पादन
आंकड़े बताते हैं कि यूपी में तिलहन का उत्पादन 2016-17 के 12.4 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 2023-24 में 20.31 लाख मीट्रिक टन हो गया है यानी करीब 128 फीसदी की छलांग. दलहन के क्षेत्र में भी ऐसा ही उछाल देखा गया है.