बीते कई दिनों से तेज बारिश के चलते मध्य प्रदेश की नदियां, तालाब, जलाशय और बांध अपनी जलस्तर क्षमता को पार कर चुके हैं. शिवपुरी में सिंध नदी पर बने बांध के पहली बार चार गेट खोल दिए गए हैं. जबकि, गुना जिले के गोपी कृष्ण सागर बांध और ग्वालियर का तिघरा जलाशय ओवरफ्लो होने से वहां के गेट भी खोल दिए गए हैं. नदियां पहले से ही उफान पर हैं. ऐसे में राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. इससे सर्वाधिक नुकसान फसलों के डूबने से किसानों को हो रहा है. अकेले चंबल-ग्वालियर संभाग में कई हजार एकड़ में खड़ी फसलें डूब गई हैं. जबकि, कई लाख हेक्टेयर जमीन जलमग्न हो गई है. कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को उड़द, मूंग, तिल-अजवाइन और सोयाबीन समेत अन्य फसलों को लेकर सलाह जारी की है. जबकि, पशुओं का खास ख्याल रखने के बारे में सुझाव दिए हैं.
पशुओं के लिए कृषि वैज्ञानिकों की एडवाइजरी
राज्य में लगातार हो रही वर्षा को देखते हुए कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को पशुओं और फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. शिवपुरी जिले के उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग की ओर से पशुपालकों से आग्रह किया गया है कि पशुओं को जलाशयों से दूर रखें. उनके शेड में सफाई बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं. जबकि, दुधारू पशुओं को बारिश में भीगने से बचाने पर खास ध्यान देने की सलाह दी गई है. इसके साथ ही पशुओं को बारिश से होने वाली संक्रामक बीमारियों जैसे खुरपका-मुंहपका, गलाघोंटू, बुखार से बचाने के लिए टीकाकरण कराने की सलाह भी दी गई है.
मूंग, सोयाबीन और धान की बुवाई की सलाह
किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के अधिकारियों ने किसानों को सलाह दी है कि वे खेतों में जल निकासी की समुचित व्यवस्था करें ताकि खड़ी फसलें अधिक समय तक पानी में डूबी न रहें और उन्हें सड़ने से बचाया जा सके. अधिकारियों ने कहा है कि जिन स्थानों में जलभराव की समस्या नहीं है वहां के किसान वर्तमान परिस्थिति में उड़द की फसल की बुवाई तुरंत कर लें. इसका साथ ही मूंग, तिल और अजवाइन की बुवाई करने की भी सलाह दी गई है. जिन किसानों ने मक्का की बुवाई की है उन्हें फसल को पानी में डूबे रहने से बचाने के उपाय करने को कहा गया है.
सोयाबीन की इन किस्मों की बुवाई करें किसान
कृषि सलाह में कहा गया है कि जिन क्षेत्रों में सोयाबीन की बुवाई की जानी है वहां के किसान कम अवधि की किस्में का चुनाव करें. अधिकारियों ने किसानों को जल्दी तैयार होने वाली सोयाबीन की किस्म JS-9560 और JS-2034 का चयन करने की सलाह दी है. इन दोनों किस्मों के जल्दी तैयार होने से किसानों को लागत भी कम होगी और समय पर बिक्री के लिए उपज तैयार होगी और अगली फसल के लिए खेत समय पर खाली हो जाएगा. सलाह में कहा गया है कि धान की रोपाई के लिए यह उपयुक्त समय है. वहीं, खड़ी फसलों को आपदा से आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत बीमा अवश्य कराएं, जिससे प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई संभव हो सके.
आज-कल 9 जिलों में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग ने आज प्रदेश के विदिशा, राजगढ़, आगरमालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुर जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही रायसेन, सिहोर, अलीराजपुर, झाबुआ, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास सहित 26 जिलों में भारी बारिश का यैलो अलर्ट जारी किया है. बालाघाट जिले में 15 जुलाई तक में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की चेतावनी जारी की गई है.

मध्य प्रदेश में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात.
बांधों और जलाशयों के गेट खोलने से कई लाख हेक्टेयर जमीन डूबी
राज्य के ज्यादातर जलाशयों और बांधों के गेट खोल दिए गए हैं, जिसकी वजह से कई लाख हेक्टेयर जमीन पानी में डूब गई है. इससे किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. विदिशा जिले की कुरवाई तहसील के ग्राम कैथोरा के राजापुर में तथा टेकू से नावकुंड मलाज मार्ग की पुलियों पर बारिश के पानी का बहाव तेज होने से आवागमन बंद किया गया. सुरक्षा व सावधानियां के तहत बैरिकेड लगाकर कर्मचारी तैनात किए गए हैं. ग्वालियर जिले के तिघरा बांध का पानी सांक नदी में छोड़ा जा रहा है. वहीं गुना जिले के गोपी कृष्ण सागर बांध के गेट भी खोले गए हैं. शिवपुरी में सिंध नदी पर बने बांध के पहली बार चार गेट खोले गए हैं, क्योंकि दो दिन से जिले के कोलारस, बदरवास आदि क्षेत्रों में जमकर बारिश से नदी नाले उफान पर हैं. वहीं, कल मड़ीखेड़ा डेम के चार गेट खोले गए.
राज्य मौसम केंद्र के अनुसार ग्वालियर-चंबल में मानसून टर्फ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर देखने को मिल रहा है. ग्वालियर जिले के तिघरा जलाशय के तीन गेट देर शाम खोले गए. गेट खोलने से पहले ही तिघरा की डाउन स्ट्रीम में बसे गांवों को सतर्क कर दिया गया है. कलेक्टर रुचिका चौहान ने आकाशवाणी के माध्यम से निचले इलाके में बसे गांवों के लोगों और पर्यटकों से एहतियात बरतने की अपील की है.