अगर आप आम के दीवाने हैं, तो इस बार जून में आपकी मंजिल मुर्शिदाबाद होनी चाहिए. बंगाल का ऐतिहासिक शहर, जो कभी नवाबों की राजधानी रहा, एक बार फिर आमों के रंग में रंगने जा रहा है. जी हां, मुर्शिदाबाद में एक महीने तक चलने वाला ‘आजीमगंज आम महोत्सव’ जून से शुरू हो रहा है, जहां आपको स्वादिष्ट और दुर्लभ किस्मों के आम चखने का मौका मिलेगा.
इस साल महोत्सव अपनी 10वीं सालगिरह मना रहा है और पहले से भी ज्यादा भव्य होगा. पिछली बार यह सिर्फ एक दिन के लिए था, लेकिन इस बार पूरा जून आमों के नाम रहेगा. आयोजकों के अनुसार, हजारों लोग इस आयोजन में शामिल होने की उम्मीद की जा रही है.
पुरानी किस्मों का जादू
मुर्शिदाबाद के आम खास इसलिए हैं क्योंकि यहां की कई किस्में सिर्फ इसी इलाके में पाई जाती हैं. जैसे रानी पसंद, नवाब पसंद, और बिमली. बिमली का नाम एक नौकरानी के नाम पर रखा गया था, जो मीर जाफर के समय में नई किस्मों को उगाने का काम करती थी. ये आम न सिर्फ स्वाद में अनोखे हैं बल्कि इनके पीछे कहानियां भी दिलचस्प हैं.
यहां के लगभग 400 आम के बागानों में सैर कराई जाएगी, जहां लोग खुद आम तोड़कर चख सकेंगे. इसे ‘मैंगो ट्रेल’ कहा जा रहा है, बिलकुल वैसे ही जैसे यूरोप में वाइन ट्रेल्स या दार्जिलिंग में टी ट्रेल्स होते हैं.
इतिहास और स्वाद का संगम
मुर्शिदाबाद आम के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी शानदार विरासत के लिए भी जाना जाता है. यहां के किले, मस्जिदें, बाग-बगिचे और महल नवाबी दौर की झलक दिखाते हैं. साथ ही जैन व्यापारियों की संस्कृति ने यहां की खास शेहरवाली रसोई को जन्म दिया है, जो आज भी स्वाद और परंपरा का बेहतरीन उदाहरण है.
ठहरने की भी है खास व्यवस्था
अगर आप महोत्सव के दौरान यहां ठहरने का सोच रहे हैं तो भी चिंता की बात नहीं. हाउस ऑफ शेहरवाली नामक होटल, जो एक म्यूजियम होटल है, आपके स्वागत को तैयार है. यहां आप ब्रिटिश, डच, फ्रेंच, पुर्तगाली और भारतीय कलाकृतियों के बीच रुक सकते हैं और इतिहास को नजदीक से महसूस कर सकते हैं.
तो अगर आप आमों के शौकीन हैं, इतिहास में रुचि रखते हैं या बस एक नई जगह की खोज में हैं, तो मुर्शिदाबाद का आम महोत्सव आपके लिए एक यादगार अनुभव हो सकता है.