खेती में बिहार का दबदबा, सिर्फ मखाना-लीची नहीं इन फसलों में भी देशभर में नंबर-1
Bihar Agriculture : कभी पलायन के लिए पहचाना जाने वाला बिहार अब खेती के दम पर नई पहचान बना रहा है. लीची और मखाना के साथ-साथ मशरूम, सिंघाड़ा और सब्जियों में भी राज्य देश में आगे है. उपजाऊ मिट्टी, मेहनती किसान और बढ़ती मांग ने बिहार को एग्री पॉवरहाउस बना दिया है.
Bihar News : कभी बिहार को सिर्फ मजदूरी और पलायन से जोड़कर देखा जाता था, लेकिन अब तस्वीर तेजी से बदल रही है. आज बिहार की पहचान उसकी खेती से बन रही है. यहां की मिट्टी, पानी और मेहनत करनेवाले किसान मिलकर ऐसा कमाल कर रहे हैं कि बिहार कई फसलों में पूरे देश में आगे निकल चुका है. मखाना और लीची तो पहले से ही मशहूर हैं, लेकिन इनके अलावा भी कई ऐसी फसलें हैं, जिनमें बिहार नंबर-1 है. यही वजह है कि अब बिहार को लोग एग्री पॉवरहाउस कहने लगे हैं.
इन 5 फसलों में बिहार है देश का नंबर-1
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बिहार सिर्फ एक-दो फसलों में नहीं, बल्कि पांच अहम फसलों के उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है. इनमें लीची, मखाना, मशरूम, सिंघाड़ा और लौकी शामिल हैं. इन फसलों की वजह से बिहार की खेती अब पूरे देश के लिए एक उदाहरण बनती जा रही है.
लीची और मखाना: बिहार की शान
बिहार को लीची की राजधानी कहा जाए तो गलत नहीं होगा. यहां की शाही लीची को जीआई टैग मिल चुका है. देश में पैदा होने वाली कुल लीची का करीब 40 से 43 प्रतिशत हिस्सा बिहार से आता है. हर साल लाखों टन लीची का उत्पादन होता है, जिसकी मांग देश ही नहीं, विदेशों में भी रहती है. वहीं मखाना बिहार की सबसे खास पहचान बन चुका है. मिथिला मखाना को भी जीआई टैग मिला हुआ है. देश का लगभग 80 से 90 प्रतिशत मखाना बिहार में ही पैदा होता है. कच्चे मखाने से लेकर प्रोसेस्ड मखाना तक, बिहार इस फसल में पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बना चुका है.
मशरूम और सिंघाड़ा से बदली किसानों की किस्मत
कुछ साल पहले तक मशरूम को बिहार में ज्यादा अहमियत नहीं दी जाती थी, लेकिन अब यही फसल किसानों के लिए कमाई का बड़ा जरिया बन गई है. बटन और ऑयस्टर मशरूम की खेती तेजी से बढ़ी है और बिहार देश के टॉप उत्पादक राज्यों में शामिल हो चुका है. इसी तरह सिंघाड़ा भी बिहार की मजबूत फसल है. खासकर उत्तर बिहार में बड़ी मात्रा में सिंघाड़ा पैदा होता है. इसकी मांग व्रत और त्योहारों में बढ़ जाती है और विदेशों तक इसका निर्यात किया जाता है. इससे किसानों को अच्छी कीमत मिल रही है.
लौकी और सब्जियों में भी आगे बिहार
लौकी भले ही आम सब्जी लगे, लेकिन उत्पादन के मामले में बिहार देश के सबसे बड़े राज्यों में शामिल है. गंगा घाटी की उपजाऊ जमीन में लौकी की भरपूर पैदावार होती है. देश की करीब 18 से 21 प्रतिशत लौकी अकेले बिहार में पैदा होती है. इसके अलावा आलू, मसूर दाल, हरी मिर्च, भिंडी और फूलगोभी जैसी फसलों में बिहार तीसरे स्थान पर है. आम, प्याज, मूली, गाजर, बैंगन और पत्ता गोभी में भी बिहार टॉप राज्यों में गिना जाता है. यानी फल और सब्जियों की खेती में बिहार की पकड़ लगातार मजबूत हो रही है.
एग्रीकल्चर हब बनने की ओर बिहार
खेती जानकारों के अनुसार, बिहार की मिट्टी और मौसम अलग-अलग तरह की फसलों के लिए बेहद अनुकूल हैं. सरकारी योजनाएं, बेहतर सिंचाई, बीज और नई तकनीक अपनाने से उत्पादन लगातार बढ़ रहा है. खासकर मखाना और लीची की विदेशी मांग ने किसानों की आमदनी में बड़ा बदलाव लाया है. जो बिहार कभी पिछड़ा कहा जाता था, वही आज खेती के दम पर देश के मजबूत राज्यों में शामिल हो रहा है. खेतों से निकलती यह हरियाली साफ बता रही है कि आने वाले समय में बिहार भारत का बड़ा “एग्रीकल्चर हब” बन सकता है.