देश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाला एक बहुत बड़ा हिस्सा आज भी खेती-किसानी पर निर्भर करता है. उनकी कमाई का एकमात्र जरिया केवल खेती ही होती है, ऐसे में अगर उन्हें खेती से मन मुताबिक परिणाम न मिले तो किसानों को सामने आर्थिक संकट खड़ा हो जाता है. वैसे तो किसान अपने खेतों की बहुत अच्छे से देखभाल करते हैं लेकिन कई बार जमीन बंजर होती है जिसके कारण किसान किसी भी तरह की फसल उस जमीन पर नहीं उगा पाते हैं और निराश हो जाते हैं. लेकिन कुछ ऐसे काम हैं जिनकी मदद से किसान अपनी बंजर जमीन से भी अच्छी कमाई कर सकते हैं. इन कामों में मछली पालन, पशु पालन आदि शामिल हैं.
बंजर जमीन पर करें मछली पालन
अगर आप एक किसान हैं और आपकी जमीन बंजर है तो आपको निराश होने की जरूरत नहीं है. आप अपनी बंजर जमीन से भी अच्छी कमाई कर सकते हैं. आपको बस सबसे पहले अपनी बंजर जमीन पर एक तालाब खुदवाना है. तालाब में बारिश का पानी भर जाने के बाद इसमें मछली पालन करें या फिर ठेके पर देकर भी मछली पालन करवा सकते हैं. कई बार ऐसा भी हो सकता है कि आपके तालाब में पानी कम हो.ऐसी स्थिति में आप पंप सेट की मदद से तालाब में पानी भर सकते हैं. मछली पालन से आपको यकीनन तगड़ी कमाई होगी और आपकी बंजर जमीन भी इस्तेमाल में आ जाएगी.
शुरू कर सकते हैं डेयरी फार्मिंग
अपनी बंजर जमीन का सही इस्तेमाल कर उससे अच्छी कमाई करने के लिए आप डेयरी फार्मिंग भी कर सकते हैं. यानी इस जमीन में आप शेड बनाकर पशुपालन करें. दूध की मांग हर दिन होती है और बहुत ज्यादा होती है, ऐसे में बंजर जमीन पर पशुपालन कर दूध उत्पादन करना फायदा का सौदा साबित हो सकता है. बस आपको इस बात का खास ध्यान रखना होगा कि खाली पड़ी जमीन पर पशुओं के खाने और पानी की सही व्यवस्था हो ताकि पशुओं की सही से देखभाल हो सके. वैसे भी पशुपालन के लिए पर्याप्त और शोरगुल से दूर खुली जगह की ही जरूरत होती है. इसलिए अपनी बंजर जमीन पर पशुपालन करना एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है.
मोटे अनाज की खेती से होगा फायदा
सरकार की तरफ से किसानों को मिलेट्स यानी मोटे अनाज की खेती के लिए बढ़ावा देती है जिसके लिए किसानों को वित्तीय सहायता भी दी जाती है. मोटे अनाज की सबसे बड़ी खासियत है कि इनकी खेती बंजर जमीन में भी की जा सकती है और ये उत्पादन भी अच्छा देते हैं. ऐसे में बंजर जमीन पर मोटे अनाज की खेती करना भी आपके लिए बेहद ही फायदेमंद साबित होगा. बाजार में मोटे अनाज की मांग भी बहुत होती है जिसके कारण किसानों को बाजार में अपने उत्पादन की अच्छी कीमत भी मिलेगी.