केला एक ऐसा फल है, जिसकी मांग पूरे साल बनी रहती है. वहीं, केला अपने पोषक तत्वों और चिकित्सीय गुण के कारण बेहद ही पसंद किया जाता है. यही वजह है कि केला पूरे साल लोगों की पसंद बना रहता है. किसानों के लिए केले की खेती करना फायदे का सौदा होता है. सालभर बाजार में केले की मांग के कारण किसान बड़े पैमाने पर केले की खेती करते हैं और अच्छी कमाई भी करते हैं. लेकिन केले की खेती से अच्छी कमाई करने के लिए बेहद जरूरी है कि किसान केले की उन्नत क्वालिटी वाली किस्मों का चुानव करें. ताकि किसान केले की खेती से अच्छी कमाई के साथ-साथ मोटा मुनाफा भी कमा सकें.
इजरायल से लाई गई केले की किस्म जी-9 (G-9)
G-9 यानी ग्रांड नैने (Grand Naine) केले की सबसे ज्यादा लोकप्रिय किस्म है, यह किस्म मूलरूप से इजरायल की है. इसे ICAR द्वारा भारत में लाया गया है. केले की इस किस्म की खेती टिशू कल्चर विधि से की जाती है. जी-9 के पौथे 6 से 7 फीट ऊंचे होते हैं. इसकी फसल बुवाई के 11 से 12 महीने बाद पककर तैयार हो जाती है. बात करें इसकी पैदावार की तो इसकी प्रति हेक्टेयर फसल से किसान करीब 30 से 50 टन पैदावार कर सकते हैं. इसकी खासियत है कि इसके फल बेहद ही मीठे होते हैं और यह लंबे समय तक टिकने वाली किस्म है. बता दें इसकी खेती से एक साल में किसान करीब 5 लाख तक का मोटा मुनाफा कमा सकते हैं.
ड्रिप सिंचाई से उगाएं केले की किस्म ड्वार्फ केवेंडिश (Dwarf Cavendish)
केले की ये किस्म लोकप्रिय होने के साथ-साथ पुरानी भी है. इसकी खेती मुख्य तौर से उत्तर भारत में होती है. ड्वार्फ केवेंडिश की फसल बुवाई के करीब 11 से 12 महीने में पककर तैयार हो जाती है और इसके पौधों की ऊंचाई करीब 6 से 7 फीट होती है. इस किस्म के पौधे छोटे होते हैं औकर जल्दी फल देते हैं इसलिए इस किस्म को छोटे किसानों और घरेलू बागवानी के लिए सबसे सही माना जाता है. बात करें इसकी पैदावार की तो इसकी प्रति हेक्टेयर फसल से किसान 30 से 40 टन की पैदावार कर सकते हैं. केले की इस किस्म की सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई सिस्टम सबसे बेस्ट होता है.
कुकिंग बनाना (Cooking Banana) के नाम से जानी जाती है ये किस्म
केले की ये किस्म दक्षिण की बहुत लोकप्रिय किस्म है.इस किस्म को कुकिंग बनाना के नाम से भी जानते हैं क्योंकि फल के अलावा इस किस्म को पकाकर अलग-अलग व्यंजन बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. जैसे फ्राइड चिप्स, हलवा, बेबी फूड आदि. इसकी खेती मुख्य रूप से केरल, तमिलनाडु , कर्नाटक और महाराष्ट्र में होती है.बात करें केले की इस किस्म से होने वाली पैदावार की तो इसकी प्रति एकड़ फसल से किसान औसतन 12 से 18 टन पैदावार कर सकते हैं. किसानों को इस किस्म की कीमत बाजारों में अच्छे से मिलती है क्योंकि ये चिप्स के व्यवसाय और पूजा के लिए इस्तेमाल की जाती है.